उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। शनिवार को बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे पर बड़ा हादसा हो गया। जंगल चट्टी क्षेत्र में भूस्खलन से हाईवे का करीब 200 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
🚧 जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे
जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य मौके पर पहुंचे और संवेदनशील स्थानों का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को राहत और मरम्मत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि सड़क को जल्द से जल्द खोलना प्राथमिकता है ताकि आम लोगों और तीर्थयात्रियों की दिक्कतें कम की जा सकें।
🛠️ मरम्मत और राहत कार्य जारी
निरीक्षण के दौरान डीएम को जानकारी दी गई कि भूस्खलन से 200 मीटर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। फिलहाल मौके पर एक पोकलेन और एक जेसीबी मशीन लगाई गई है। जिलाधिकारी ने साफ कहा कि जरूरत पड़ने पर और मशीनें व श्रमिक बढ़ाए जाएं ताकि रास्ता जल्द से जल्द सुचारू हो सके।
🌊 अस्थायी झील का जलस्तर कम हुआ
साथ ही राहत की बात यह रही कि स्यानाचट्टी क्षेत्र में बनी अस्थायी झील का जलस्तर अब कम हो गया है। झील खुलने के बाद वहां आवाजाही सामान्य हो चुकी है। हालांकि, यमुनोत्री हाईवे के अन्य चिन्हित संवेदनशील स्थानों पर भी खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने वहां भी जेसीबी और पोकलेन मशीनें तैनात कर दी हैं।
🙏 लोगों की उम्मीद प्रशासन पर
स्थानीय लोग और यात्री अब प्रशासन से जल्द रास्ता खुलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बरसात के बीच दुर्गम पहाड़ी इलाकों में सफर करना लोगों के लिए चुनौती भरा हो गया है। ऐसे में प्रशासन का राहत कार्य उनकी जिंदगी को सामान्य करने की दिशा में एक बड़ी कोशिश है।