मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन पंचायत प्रबंधन में 12 साल बाद बदलाव किए गए हैं। उत्तराखण्ड कैबिनेट ने वन पंचायत के ब्रिटिश काल के अधिनियमों में संशोधन कर नई नियमावली को मंजूरी दी है। नई नियमावली के तहत अब नौ सदस्यीय वन पंचायत का गठन किया जाएगा। उत्तराखण्ड भारत का एक मात्र राज्य है जहां वन पंचायत व्यवस्था लागू है। यह एक ऐतिहासिक सामुदायिक वन प्रबंधन संस्था है जो वर्ष 1930 से संचालित हो रही है। संशोधित नई नियमावली के बाद प्राप्त शुल्क को भी वन पंचायतों को अपने बैंक खाते में जमा करने का अधिकार होगा। नई नियमावली में इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान हटाएगी। नियमावली अनुसार वन पंचायतों को अपने अपने क्षेत्रों में जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम, इको टूरिज्म में भागीदारी का अधिकार मिलेगा।