सोलन में टोमैटो फ्लू के मिले दो संदिग्ध मरीज

हिमाचल प्रदेश के सोलन में टोमैटो फ्लू के दो संदिग्ध मरीज आए हैं। दोनों को स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेट कर दिया है। मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे लैब भेज दिए हैं। रिपोर्ट आने तक दोनों मरीजों को आइसोलेट रहना होगा। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सैंपल की रिपोर्ट नहीं आने तक दोनों को आइसोलेट किया गया है।

बच्चों में टोमैटो फ्लू के दिखे प्राथमिक लक्षण

वहीं टोमैटो फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। टोमैटो फ्लू के प्राथमिक लक्षण बच्चों में देखे गए हैं,  जोकि वायरल संक्रमणों के समान हैं। इनमें बुखार, चकते पड़ना और जोड़ों में दर्द शामिल है। इस रोग में थकान, मितली, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और आम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार शुरू होने के एक या दो दिनों के बाद छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो छाले और फिर अल्सर में बदल जाते हैं। शरीर के कई भागों में टमाटर की तरह छाले पड़ जाते हैं।

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शिशुओं और छोटे बच्चों को भी नैपिज, अशुद्ध सतहों को छूने और चीजों को सीधे मुंह में डालने से इस संक्रमण का खतरा होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होती है। यह वयस्कों में भी हो सकती है। बाहरी राज्य से काफी लोगों का आना-जाना रहता है। ऐसे में यह बीमारी उनके साथ आ सकती है। लोगों को स्वयं इसको लेकर जागरूक रहना होगा।  इस रोग से संबंधित अगर किसी को कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।

रोकथाम के लिए ये उपाय करें

रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता है। आसपास की जरूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से सांझा करने से रोकना चाहिए। कुछ आवश्यक निवारक उपाय हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। जैसे संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क में आने से बचें। अपने बच्चों को इस रोग के लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, अपने बच्चे से कहें कि बुखार या दाने के लक्षण वाले बच्चों को गले न लगाएं और न ही उन्हें छुएं। इसके अतिरिक्त बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और अंगूठा या उंगली चूसने की आदत रोकने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। नाक बहने या खांसने की स्थिति में बच्चे को रुमाल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। छाले को खरोंचें या रगड़ें नहीं और हर बार जब आप इन छालों को छूते हैं तो हाथों को साबुन से धो लें। बच्चों को खूब पानी, दूध या रस, जो कुछ भी वे पसंद करते हैं, पीने के लिए प्रेरित करके उसे हाइड्रेटड रखने की कोशिश करनी चाहिए। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें, उपचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त आराम और नींद आवश्यक है।

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