द क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स : ऐतिहासिक वैभव और प्रकृति का मिलाजुला संगम

मसूरी – अगर आप जिंदगी को खास अंदाज में जीना चाहते हैं तो क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स उत्तराखंड का ऐतिहासिक और विलासिता से भरपूर होटल है, जिसका इतिहास 1830 से जुड़ा है। यह कभी नाभा के महाराजा का ग्रीष्मकालीन निवास हुआ करता था। यह खूबसूरत बुटीक होटल 13 एकड़ की भूमि में तैयार किया गया शानदार विला है, जहाँ देवदार और ओक के घने जंगल इसकी शोभा बढ़ाते हैं। इसका आकर्षक सिंगल-स्टोरी कॉलोनियल आर्किटेक्चर, पुराने जमाने की खूबसूरती को आधुनिक भारतीय विलासिता के साथ जोड़ता है, जो इसे एक यादगार और शांतिपूर्ण होटल होने का गौरव प्रदान करता है।

बड़े बदलाव के बाद, होटल ने अपनी मूल विशेषताओं को सुरक्षित रखते हुए, आधुनिक सुविधाओं और आरामदायक रूम के साथ मेहमानों के अनुभव को और बेहतर बनाने का प्रयास किया है ।जो द क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स को मसूरी में एक प्रमुख गंतव्य के रूप में फिर से स्थापित करता है, जहाँ ठहरने वाले लोग मसूरी के समृद्ध इतिहास का आनंद लेते हुए अद्वितीय विलासिता अनुभव कर सकते हैं।

 

यहाँ बाईस आलीशान कमरे है । जो आधुनिक साज सज्जा से निर्मित हैं। यहां पहुंचने वाले मेहमान दो शानदार डाइनिंग हॉल का आनंद ले सकते हैं जहाँ विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ, विक्टोरियन बार में बैठकर सिग्नेचर कॉकटेल के साथ खुशनुमा माहौल का मजा लिया जा सकता है।सुकून की तलाश में आए लोगों के लिए, द सेराफिक स्पा एक शांतिपूर्ण स्थान है, जहाँ मेहमान तरोताजा और रिलेक्स महसूस कर सकते हैं।

मसूरी के केंद्र में स्थित यह खास होटल शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करती है। यहाँ से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं ।

बात करे अगर होटल क्लेरिजेस नाभा कि तो यह होटल ब्रिटिश समय के आकर्षण को प्रस्तुत करता है। इसके अंदर लगे फर्नीचर, खूबसूरत कलाकृतियाँ और पुराने फोटोग्राफ्स मसूरी के महाराजा की विरासत की कहानी बयां करते हैं।

इस जगह में आने के बाद आप सभी तरह की सुविधाओं का अनुभव कर सकते है। साथ ही मेहमान यहाँ हरे-भरे वातावरण और पहाड़ों की गोद में शादी ब्याह के साथ अन्य कार्यक्रम भी आयोजित कर सकते हैं। देवदार और ओक के जंगलों से घिरे इस होटल में एक वेलनेस स्पा, फिटनेस जिम आरामदायक लाइब्रेरी और पूरे क्षेत्र में बेमिसाल विलासिता का अनुभव मिलता है।

होटल का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। इसे 1830 में एक आयरिश व्यक्ति सियारन ओ’हारा ने बनाया था, जो कैप्टन यंग (लैंडोर और मसूरी के संस्थापक) के साथी थे। इसके बाद यह संपत्ति थॉमस स्कली को दी गई, जिन्होंने इसे ट्रेवर ओवरेंड को बेच दिया। 1903 में लेफ्टिनेंट स्टेनली स्किनर ने इसे खरीदा, और 1904 में यह डब्ल्यू.ए. गॉर्डन के पास चली गई। बाद में गॉर्डन परिवार ने इसे भोपाल के उच्च पदस्थ उल्लाह खान को बेचा। अंत में, 20 अगस्त 1949 को इसे नाभा की महारानी साहिबा उर्मिला देवी ने खरीदा।

द क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो शांति, इतिहास की सुंदरता और आधुनिक विलासिता का अनुभव करना चाहते हैं। यह स्थान हर आगंतुक को एक खास अनुभव का वादा करता है।

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