“सतीश चंद्र दूबे का बड़ा बयान, ममता सरकार पर निशाना, वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन की भी की चर्चा”

उनको Bihar : यह सरकार बेलगाम है। ममता बनर्जी को यह भी याद नही कि भारत में ही बंगाल है। बिहार की जनता और देश की जनता से नहीं, बल्कि सिर्फ रोहिंग्या से मतलब है। देश की जनता से उनको कोई लगाव नही है। बहुत जल्द बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो जायेगा।

जब भी क्षेत्रीय दल सत्ता में आता है, तो अपनी मोनोपॉली चलाना चाहता है। इसी तरह का काम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार भी कर रही है। यह सरकार बेलगाम है। ममता बनर्जी को यह भी याद नही कि भारत में ही बंगाल है। उनको बिहार की जनता और देश की जनता से कोई मतलब नही है। उनको सिर्फ रोहिंग्या से मतलब है और उन्ही से लगाव है। देश की जनता से उनको कोई लगाव नही है। आप परिस्थिति का इंतजार कीजिए, बहुत जल्द बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो जायेगा। यह बातें भारत सरकार के कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दूबे ने औरंगाबाद में कही।

भारत सरकार के कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दूबे ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन की चर्चा करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड देश के लिए खतरा है। सनातन के लिए खतरा है। हर सनातनी के लिए खतरा है। इसीलिए केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन की पहल की है। अभी इस पर ज्यादा कुछ नही कहेंगे लेकिन आगे अच्छा ही होगा।

मंत्री सतीश चंद्र दूबे कहा कि देश में कोयले के भंडार की कोई कमी नही है। कही भंडार खत्म हो रहा है, तो सर्वे में नए भंडार भी मिल रहे हैं, जहां माइनिंग शुरू कराई जाएगी। साथ ही केंद्र सरकार वैकल्पिक उर्जा पर भी काम कर रही है। इसी के तहत मोदी सूर्य घर बिजली योजना यानी सोलर रूफ टॉप स्कीम चला रही है, जिसका लोग लाभ उठा रहे है। सौर उर्जा प्लांट भी लगाए जा रहे और इसमें और तेजी लाई जाएगी।

कोयला एवं खान राज्यमंत्री ने बिहार के गया, औरंगाबाद और रोहतास जिले में मिले पोटाश, क्रोमियम और निकेल के भंडार की माइनिंग शुरू कराने के सवाल पर कहा कि इसके लिए निविदा हो चुकी है। माइनिंग के लिए एसेट तैयार करना पड़ता है। इसमें थोड़ा वक्त लगता है। एसेट तैयार हो जाने के बाद माइनिंग शुरू हो जाएगी।  इस दौरान चाणक्य परिषद के अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पांडेय, भाजपा नेता अश्विवनी तिवारी, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गोपाल शरण सिंह, हम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील चौबे एवं प्रो. चंद्रशेखर पांडेय आदि भी मौजूद रहे।

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