राजस्थान के रिटायर्ड सीआई ने अपने फर्ज को निभाने के लिए लोगों की जान बचाते हुए गंवाई खुद की जान

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मरने वालों में दो लोग श्रीगंगानगर के हैं। श्रीगंगानगर के ट्रैफिक थाने के पूर्व इंचार्ज सुशील खत्री और उनकी रिश्तेदार सुनीता वधवा की मौत हुई है। खत्री पुलिस की नौकरी से नौ दिन पहले ही रिटायर हुए थे। जिसके बाद वे परिवार के साथ अमरनाथ यात्रा पर गए थे।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार श्रीगंगानगर के रिटायर्ड सीआई सुशील खत्री (61) मूल रूप से बीकानेर के रहने वाले थे। वे श्रीगंगानगर में ही तैनात थे और 30 जून को ही रिटायर हुए थे। अमरनाथ यात्रियों का जत्था तीन जुलाई को श्रीगंगानगर से रवाना हुआ था। इसी जत्थे के साथ सुशील और उनका परिवार अमरनाथ की यात्रा पर निकला था। अमरनाथ में गुफा पर पहुंचने के बाद जत्थे में शामिल यात्रियों ने लंगर में विश्राम किया। उसी दिन शाम को जनसैलाब आया और टेंट बहने लगा। सुशील खत्री, उनकी समधन सुनीता और सुनीता के पति मोहनलाल सहित श्रीगंगानगर के कई लोग मौजूद मौके पर मौजूद थे। रिटायर्ड सीआई सुशील खत्री ने अंतिम समय तक अपना फर्ज निभाया। उन्होंने सैलाब में बहते लोगों को बचाया। इसी दौरान वो खुद बह गए। हादसे में उनकी रिश्तेदार सुनीता वधवा की भी जान चली गई।

वहीं सुनीता वधवा के पति मोहनलाल वधवा अभी भी लापता हैं। श्रीगंगानगर की अमरनाथ लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष नवनीत शर्मा का कहना है कि श्रीगंगानगर के एक-दो और लोगों के लापता होने की संभावना है। यात्रा में शामिल दो-तीन अन्य लोगों के भी लापता होने की जानकारी मिल रही है। शुक्रवार शाम को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया था। इसमें 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। कई अन्य श्रद्धालु अभी लापता बताए जा रहे हैं। कोटा-भरतपुर सहित राजस्थान के अन्य जिलों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है।

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