प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा स्थापना और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान कर रहे पीएम मोदी ने आज राम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला में डाक टिकट जारी किया। उन्होंने श्रीराम पर जारी टिकटों की पुस्तक भी रिलीज की। तस्वीरों के खास संकलन में अयोध्या के राम मंदिर की बारीकियों को देखा-समझा जा सकेगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की यह पुस्तक डाक विभाग ने तैयार की है।
एल्बम में शामिल डिजाइन के घटकों में राम मंदिर, तुलसीदास रचित रामचरितमानस की चौपाई- ‘मंगल भवन अमंगल हारी’, सूर्य, सरयू नदी और मंदिर और उसके आसपास की मूर्तियां शामिल हैं। पीएम मोदी ने बताया कि इस खास एल्बम में मंदिर और देश की संस्कृति से जुड़ी बारीकियों का अनुभव किया जा सकेगा। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र के मंगल की कामना की गई है। सूर्यवंशी राम की छवियों से देश में नए प्रकाश का संदेश मिलता है। एल्बम में शामिल सरयू नदी की तस्वीर से सदा गतिशील रहने का संदेश मिलता है। पीएम मोदी ने कहा कि पंचतत्व के दर्शन का स्वरूप दर्शाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के साथ-साथ संतों ने भी डाक विभाग का मार्गदर्शन किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम और माता सीता की बातें- देश, काल, जाति जैसी सीमाओं से परे है। रामायण से पूरी मानवता को खुद से जोड़ने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि रामायण पूरी दुनिया में आकर्षण और उत्साह का विषय रही है। पूरे विश्व में भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ रामायण को गौरव के साथ देखा जाता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों में श्रीराम पर आधारित पोस्टल स्टांप जारी होते रहे हैं। अमेरिका, सिंगापुर, गयाना, फिजी जैसे कई देशों ने सम्मान और आत्मीयता से पोस्टल स्टांप जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि राम भारत के बाहर भी महान आदर्श के रूप में पूजे जाते हैं। अनेक राष्ट्रों ने उनके चरित्र की सराहना की है। इस एल्बम में सभी जानकारियों के साथ राम-सीता के जीवन कथाओं का संकलन आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास की चौपाइयों का भी उल्लेख किया। बकौल प्रधानमंत्री मोदी, खुद रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने कहा है कि इस धरती पर जब तक नदियों और पर्वतों का अस्तित्व है राम का जिक्र होता रहेगा।
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राम मंदिर के अलावा भगवान गणेश, भगवान हनुमान, जटायु, केवटराज और माता शबरी पर डाक टिकट जारी हुए हैं। कुल छह टिकटों के अलावा पूरे एल्बम में अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों की तरफ से जारी डाक टिकटों को भी संकलित किया गया है। 48 पन्नों की इस पुस्तक के माध्यम से समाज के अलग-अलग वर्गों पर भगवान राम की वैश्विक छवि और उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है।
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