Bihar : बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी जोर पर है। इसको लेकर नेता नयी से पुरानी और पुरानी से नयी पार्टियों में अपनी जुगाड़ लगा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस से निकलकर अपनी पार्टी बनाने वाले दिग्गज जदयू और राजद के रास्ते वापस अपने घर लौट आये हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी पार्टियां बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए नेता अपनी सहूलियत के अनुसार या तो अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं या फिर वर्तमान पार्टी को छोड़कर पाने पहली वाली पार्टी में पुनः शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके प्रोफ़ेसर रामजतन सिन्हा अपनी पुरानी पार्टी में शामिल हो गये। उन्होंने आज पुनः दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। रामजतन सिन्हा जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी रह चुके हैं। फिर वह 2005 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने। कांग्रेस ने 2005 के विधानसभा चुनाव में राजद से गठबंधन किया था। रामजतन सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद के मखदुमपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी सीट छोड़ने से इंकार कर दिया था। उसके बाद रामजतन सिन्हा ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये। कांग्रेस छोड़ने के बाद रामजतन सिन्हा ने अपनी पार्टी बनायी लेकिन पार्टी नहीं चली, तब वह जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गये। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह राष्ट्रीय जनता दल के संपर्क में रहे, लेकिन मन अनुकूल बात कहीं नहीं बनी। अंता में वह वापस अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में लौट आये।