भारतीय मौसम विज्ञान विभाग बारिश, अतिवृष्टि आदि को लेकर पूर्वानुमान जारी करता रहा है। अब मौसम विभाग यह भी बताएगा कि जंगल में आग लगने वाली है। इसके लिए जल्द ही वन विभाग और मौसम विज्ञान विभाग के बीच एमओयू होने जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस सुविधा के बाद वन विभाग को और बेहतर ढंग से जंगल की आग पर नियंत्रण में मदद मिल सकेगी।
वन विभाग को जंगल की आग की घटना के संबंध में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया से फायर अलर्ट मिलते हैं। इन सूचनाओं के आधार पर टीम काम करती है। अब वनाग्नि घटना को लेकर भी क्या स्थितियां हैं? इसकी सूचना भी वन विभाग को मिल सकेगी।
मौसम विज्ञान विभाग, वन विभाग के लिए खास कस्टमाइज बुलेटिन जारी करने की तैयारी कर रहा है। इसमें तापमान, आर्द्रता, सूखापन आदि के आधार पर आग के लिए कौन-सा जंगल की संवेदनशील है आदि को बताया जाएगा। वन विभाग के अनुसार, देश में फॉरेस्ट फायर को लेकर इस तरह के कस्टमाइज बुलेटिन की व्यवस्था संभवत: पहली बार होगी।
वन विभाग के वाहनों में जीपीएस लगेगा
वन विभाग जंगल की आग बुझाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में जीपीएस लगाने जा रहा है। ऐसे में जंगल में आग को नियंत्रित करने के लिए जाने वाले वाहनों के मूवमेंट का पता उच्चाधिकारियों का रहेगा। इसके अलावा विश्व बैंक की यू प्रिपेयर योजना के तहत वनकर्मियों के लिए अग्निरोधी ड्रेस समेत अन्य संसाधन मिलेंगे। वनाधिकारियों के अनुसार यह प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह कहते हैं कि वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय स्तर पर बैठक की गई थी, उसमें सभी पहलू को देखा गया। अभी मौसम विभाग मौसम से जुड़ी जानकारी देता रहा है। अब इंपैक्ट से जुड़ी संभावना भी बताएगा। वन विभाग को फॉरेस्ट फायर की संभावना लेकर उनकी जरूरत के हिसाब से बुलेटिन दिया जाएगा। प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन कहते हैं कि मौसम विज्ञान केंद्र के साथ वन विभाग एमओयू करने जा रहा है। इसे लेकर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है।