Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद संजीदा है। कुछ दिनों पहले पटना में सीएम से मिलने जदयू झारखंड के नेता आए। आज रांची में कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बैठक की।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों अपनी पार्टी जनता दल यूनाईटेड के झारखंड प्रांत के नेताओं को पटना बुलाया था। साथ ही, कुछ जातियों की राजनीति करने वाले भी साथ आए थे। आज, सोमवार को रांची में जदयू की अहम बैठक हुई। इस बैठक पर पटना से लेकर दिल्ली तक की नजर रही, क्योंकि बड़ा सवाल यही था कि क्या जदयू झारखंड में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा लाकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुख्य दल भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती खड़ी करेगा? बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नहीं जाना तय था। कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद संजय झा को झारखंड विधानसभा चुनाव के समन्वय की भूमिका मिली है और वह सोमवार को रांची में थे। उन्होंने रांची की इस अहम बैठक के बाद साफ कर दिया कि जदयू झारखंड में भाजपा के लिए मुसीबत नहीं, बल्कि साथी की भूमिका में रहेगा। उन्होंने साफ किया कि पार्टी झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। झारखंड के लोगों का फीडबैक अगले चुनाव में बदलाव का संकेत दे रहा है। इस फीडबैक को देखते हुए प्रयास किया जा रहा है कि एनडीए एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़े और झारखंड में अगली सरकार बनाए। जदयू की सीटों की संख्या सही समय पर तय हो जाएगी।जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि जदयू प्रदेश कार्यसमिति की सोमवार को रांची में हुई बैठक झारखंड में जदयू का चुनावी शंखनाद है। संजय कुमार झा ने प्रदेश के पार्टी नेताओं से आह्वान किया कि झारखंड में अगले एक महीने में उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का बड़ा कार्यक्रम आयोजित कराएं, जहां पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है। साथ ही उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर तक पार्टी का आधार मजबूत बनाएं।झारखंड में जदयू ने अपनी धमक के लिए भाजपा से बगावत करने वाले दिग्गज नेता सरयू राय को साथ लाया है। सरयू राय ने झारखंड में भाजपा की सत्ता छीनने में अहम भूमिका निभाई थी। इस बार वह जदयू के साथ हैं। सोमवार को रांची में हुई बैठक के दौरान झारखंड में जदयू के सर्वमान्य चेहरे राज्यसभा सांसद खीरू महतो के साथ सरयू राय भी नजर आए। संजय झा ने विशेष तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि “झारखंड के वरिष्ठ नेता सरयू राय खुद नीतीश कुमार के पुराने साथी रहे हैं। उनके जदयू में आने से झारखंड में पार्टी को काफी मजबूती मिली है।” बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि वर्ष 2005 से जब नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में परफार्म करना शुरू किया था, तब उनकी प्रतिष्ठा देश-दुनिया में तेजी से फैल रही थी। वह सबसे सही समय था जदयू के बिहार से बाहर विस्तार का। लेकिन, उन दिनों नीतीश बिहार को विकास की पटरी पर वापस लाने में व्यस्त थे। उन्होंने कुछ नेताओं पर चोट भी किया कि उस समय जो लोग बिहार से बाहर पार्टी का कामकाज देख रहे थे, उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं किया। इसी कारण जदयू का अन्य राज्यों पर ससमय विस्तार नहीं हो सका।संजय झा ने बैठक के दौरान जदयू कार्यकर्ताओं-नेताओं में उत्साह भरते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार ने समता पार्टी का गठन किया गया था, तब झारखंड और बिहार एक साथ थे। उस समय झारखंड में भी समता पार्टी का बड़ा आधार था। वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू के छह विधायक जीते थे, जिनमें दो मंत्री भी बने थे। लेकिन, बाद में प्रदेश में पार्टी का जनाधार कमजोर होता चला गया। अब उसे वापस ठीक करना है। उन्होंने बिहार के मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि इस समय बिहार के विकास की चर्चा पूरे देश में सुनी जा रही है। झारखंड में भी लोग मानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तेजी से विकास होने के चलते बिहार का कायापलट हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले पांच साल में बिहार देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल होगा। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा 2024 लोकसभा चुनाव के बाद जदयू की एनडीए में ताकत का एहसास कराना नहीं भूले। उन्होंने कहा- “इस समय बिहार और देश की एनडीए सरकार में नीतीश कुमार और जदयू की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह हम सब की इच्छा और जवाबदेही है कि जदयू एक राष्ट्रीय पार्टी बने। आनेवाले दिनों में बिहार से बाहर पार्टी के विस्तार में झारखंड की बड़ी भूमिका होगी।