राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी, न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वह ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया, उनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे, वह जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे।
CJI की जिम्मेदारी संभालने वाले जस्टिस ललित के सामने अपने 74 दिन के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में लंबित 492 संवैधानिक मामलों को निपटाने की चुनौती होगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, 26 अगस्त तक कोर्ट में 71,411 अन्य मामले लंबित हैं। इनमें अनुच्छेद 370, नोटबंदी, नागरिका संशोधन कानून (CAA), इलेक्टोरल बॉन्ड, UAPA और सबरीमाला जैसे केस शामिल हैं।