जोशीमठ बसेगा पीपलकोटी में, राज्य सरकार ने 130 परिवारों को स्थायी तौर पुनर्वासित करने का लिया निर्णय

जोशीमठ : चमोली जिला प्रशासन ने जीएसआई की ओर से भूमि सर्वेक्षण जांच के बाद पीपलकोटी में स्थायी विस्थापन के लिए दो हेक्टयर भूमि को हरी झंडी दे दी है। अब सीबीआरआई की ओर से भूमि का विकास और भवनों के लेआउट बनाने का काम किया जाएगा। मंगलवार को राज्य सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि समुद्रतल से 1260 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पीपलकोटी में स्थायी विस्थापन के लिए भूमि को चिह्नित कर लिया गया है। जोशीमठ शहर से करीब 36 किमी की दूरी पर स्थित पीपलकोटी में करीब दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में 125 से 130 परिवारों को बसाया जाएगा।

 

लोगों के लिए बनेंगे पक्के मकान

यहां लोगों को पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे, जो लोग मुआवजा लेकर खुद घर बनाना चाहेंगे, उसका भी विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जीएसआई ने अपनी रिपोर्ट में इस भूमि को स्थायी विस्थापन के लिए उपयुक्त पाया है। आगे अब सीबीआरआई की ओर से भूमि विकास और लेआउट का काम किया जाएगा। डॉ. सिन्हा ने बताया कि ज्यादातर लोग स्थायी विस्थापन के पक्ष में हैं। पीपलकोटी की भूमि ज्यादातर लोगों को पसंद आई है।

सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा
सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा

तीन अन्य जगह भी चिह्नित

उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी तीन अन्य स्थानों पर स्थायी विस्थापन के लिए भूमि चयन की गई है। इनमें कोटी फार्म, एचआरडीआई की भूमि और ढाक गांव में स्थित भूमि शामिल है। इनमें से एक कोटी फार्म में स्थित उद्यान विभाग की भूमि पर पहले चरण में तीन प्री-फेब्रीकेटिड डेमोस्ट्रेशन भवन बनाए जाएंगे।

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