भक्तों का आत्मीय संगम: बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से अपने धाम हिमालय के लिए रवाना, कल खुलेंगे कपाट

रुद्रप्रयाग:- भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली गुरुवार प्रात: 8:30 बजे गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान कर गई। श्रद्दालुओं और गौरीगांव के स्कूली बच्चों ने बाबा केदार का जयघोष कर पंचमुखी डोली पर पुष्प वर्षा की। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया। केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुलेंगे।

भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को कई दशकों से बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम तक पहुंचाते हैं। छह मई को देवडोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास के लिए पहुंची और सात मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची। आठ मई देर शाम डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची। गौरी माई मंदिर गौरीकुंड से आज बाबा की डोली अपने धाम हिमालय के लिए रवाना हुई। इसके सायंकाल केदारनाथ धाम पहुंचने की संभावना है। यहां डोली भंडार गृह में रात्रि प्रवास करेगी और दस मई को अक्षय तृतीया की पावन बेला में बाबा केदार के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु भी डोली के साथ केदारनाथ जा रहे हैं। आज गौरीकुंड में केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी, संजय तिवारी,भरत कुर्मांचली,कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल,संजय कुकरेती सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

 

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