बलिया में एनआईए के छापों में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर मिलीं देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े कई मददगारों के नाम

उत्तर प्रदेश:-  बलिया में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर शनिवार को एनआईए के छापों के दौरान देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कई मददगारों के नाम सामने आए हैं। एनआईए ने नक्सलियों के ठिकानों से मिले दस्तावेजों में सामने आए इन नामों के आधार पर अपनी जांच तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के इन मददगारों के जरिए कई शैक्षणिक संस्थानों में सीपीआई (माओवादी) अपने पैर पसार रहा है, जिसके बाद एनआईए की जांच का दायरा बढ़ गया है। बलिया में नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने की जांच के दौरान एनआईए को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। जांच में सामने आया है कि सीपीआई (माओवादी) की कोर कमेटी के सदस्य उत्तरी राज्यों में तेजी से अपनी जड़ें जमाने में जुटे हैं, इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है। इन संस्थानों में नक्सली विचारधारा से प्रभावित लोगों को चिन्हित करने के बाद संगठन से जोड़ा जा रहा है।

केंद्रीय कमेटी के नेताओं के इशारे पर यूपी के बलिया, आजमगढ़, वाराणसी और चंदौली को केंद्र बनाकर यूपी में गतिविधियां बढ़ाने के साथ मिर्जापुर, गाजीपुर, प्रयागराज में भी इसका ताना-बाना बुना जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, यूपी के साथ उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी संगठन को विस्तार दिया जा रहा है। एनआईए इसके लिए हो रही फंडिंग के सुराग भी तलाश रही है। वहीं एनआईए ने बलिया में जिन संदिग्ध नक्सलियों के ठिकानों पर छापा मारा है, उन्हें 19 अप्रैल को राजधानी स्थित एनआईए कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया गया है।

प्रमोद मिश्रा ने किए कई खुलासे

एनआईए की जांच में सामने आया है कि सीपीआई (माओवादी) संगठन की केंद्रीय कमेटी में शामिल प्रमोद मिश्रा उर्फ बुढऊ उर्फ बन बिहारी उर्फ डाॅक्टर साहब ने पूर्वांचल में एडहॉक कमेटी बनाई थी। संगठन के सचिव बलिया निवासी संतोष वर्मा उर्फ मंतोष के जरिए लगातार पूर्वांचल के कई जिलों में महिलाओं और पुरुषों की भर्ती की जा रही थी। इसकी पुख्ता सूचना मिलने के बाद बलिया से पांच हार्डकोर नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी जांच बाद में एनआईए ने टेकओवर कर ली थी।  सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के इन मददगारों के जरिए कई शैक्षणिक संस्थानों में सीपीआई (माओवादी) अपने पैर पसार रहा है, जिसके बाद एनआईए की जांच का दायरा बढ़ गया है।

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