बिहार में कृषि मंत्री ने दी जानकारी: 202 कोल्ड स्टोरेज कार्यरत, 12 जिलों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं, किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का प्रावधान

बिहार में अब तक कुल 202 कोल्ड स्टोरेज कार्यरत हैं। इनकी भंडारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है। बिहार राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है।

बिहार सरकार के मंत्री (कृषि व स्वास्थ्य) मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास के हम सबलोग कम कर रहे है। सीएम नीतीश कुमार की नजरों में किसान और कृषि की प्राथमिकता पहली है। आज भी 75 फीसदी लोग कृषि से जुड़े हैं। अभी धानरोपनी का समय है। खरीफ, 2024 में अनियमित मानसून एवं अल्पवृष्टि के मद्देनजर सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना 26 जुलाई 2024 से वर्तमान खरीफ मौसम में प्रारम्भ कर दी गई है। उन्होंने यह बातें सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सहयोग से सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कही। मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस वर्ष धान का कुल आच्छादन 36.54 लाख हेक्टेयर, मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हेक्टेयर जबकि मोटे अनाज में बाजरा का 0.15 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर, मड़ुआ का 0.29 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का  0.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुरूप अभी तक धान का आच्छादन 29,68,834 हेक्टेयर (80.55 प्रतिशत), मक्का का 2,73,185 (91.74 प्रतिशत), अरहर का 52,135 हेक्टेयर (92.60 प्रतिशत), मूंग का 12,699 हेक्टेयर (74.55 प्रतिशत), बाजरा का 10,041 हेक्टेयर (63.10 प्रतिशत), ज्वार का 15,697 हेक्टेयर (93.59 प्रतिशत), मडुआ का 22,309 हेक्टेयर (72.90 प्रतिशत) तथा अन्य दलहन का 7,824 हेक्टेयर (68.16 प्रतिशत) है। कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि द्वारा राज्य के अंदर संकर एवं अन्य बीज उत्पादन के लिए एक नीति तैयार की जा रही है। विभाग एक पॉलिसी तैयार कर रहा है, ताकि आगामी रबी मौसम में बीज उत्पादक किसानों एवं कम्पनियों के साथ मिलकर संकर बीज का उत्पादन किया जा सके।

कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ अरहर फसल के उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि लाने हेतु अरहर विकास योजना राज्य के सभी जिलों में कार्यान्वित की जा रही है। खरीफ-2024 में 1.86 लाख एकड़ में योजना का क्रियान्वयन कराया गया। इस योजना अन्तर्गत फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम हेतु रुपये 3600.00 प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय है एवं अनुदानित दर पर अरहर बीज वितरण कार्यक्रम हेतु रुपये लागत मूल्य का 80 प्रतिशत अनुदान देय होगा। दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के मसूर फसल का वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 3.66 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित है।

उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक कुल 202 कोल्ड स्टोरेज कार्यरत हैं। इनकी भंडारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है। बिहार राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है। इन 12 जिलों (मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बाँका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल तथा शिवहर) में नये कोल्ड स्टोरेज निर्माण कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत है। इस योजनान्तर्गत नये कोल्ड स्टोरेज टाईप-1 एवं टाइप-2 की स्थापना पर 50 प्रतिशत सहायतानुदान का प्रावधान है। राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा की संस्थापना की योजना भी स्वीकृत है, जिसके अन्तर्गत राज्य के वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेजों में से 50 इकाई को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन कराया जाएगा, ताकि विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम की जा सके तथा किसानों को सस्ते दर पर भंडारण की सुविधा प्राप्त करायी जा सके, जिस पर 50 प्रतिशत अधिकतम 17.50 लाख रूपये प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायतानुदान दिया जाएगा।

कृषि मंत्री ने बताया कि 34 जिलों में कुल घोड़परास की संख्या 2,95,866 तथा 30 जिलों में जंगली सूअर की संख्या 67,255 है। घोड़परास और सूअर झुंड में आकर फसलों को बर्बाद करते हैं।  साथ ही, फसलों को चबाकर एवं कुचलकर बर्बाद कर देते हैं। झाड़ी तथा फसलों यथा अरहर, गन्ना के खेतों में छिप जाते है तथा उन फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। घोड़परास से बीज उत्पादन में भी काफी क्षति हो रही है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग तथा गृह (पुलिस) विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारिओं की एक संयुक्त बैठक आयोजित कर घोड़परास एवं जंगली सूअर की समस्या के समाधान की रणनीति तैयार किया जा रहा है।

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