प्रदेश में भेड़ एवं बकरी पालकों द्वारा उनके पशुओं को वन क्षेत्रों में चरान एवं चुगान के सम्बन्ध में आ रही कठिनाइयों को दूर किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में पूर्व में आहूत बैठक में उत्तराखण्ड राज्य के समस्त प्रभाग स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारियों एवं पशुपालकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आहूत कर उनकी समस्याओं के निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये, जिसके क्रम में प्रभागीय वनाधिकारियों एवं पशुपालकों के प्रतिनिधियों के मध्य निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गयाः-
पशुपालन विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन एवं टीकाकरण प्रमाण-पत्र सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा।
पशुपालकों को चरान एवं चुगान हेतु परमिट ससमय एवं सरलता से निर्गत किया जायेगा।
पशुपालकों को ऑनलाईन परमिट आवेदन हेतु प्रक्रिया को शीघ्र अपनाया जायेगा।
ऊन के आर्गेनिक सर्टिफिकेशन हेतु फॉर्म के ड्राफ्ट को शीघ्र निर्गत किया जायेगा।
तत्क्रम में प्रमुख सचिव महोदय, वन की अध्यक्षता में वन विभाग एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आहूत की गयी, जिसमें पशुपालकों को वन क्षेत्रों में चरान एवं चुगान हेतु आवेदन उपरान्त परमिट निर्गत किये जाने के लिए पशुपालन विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी टीकाकरण एवं रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र के आधार पर उस वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी स्तर से पशुपालकों को चरान एवं चुगान हेतु परमिट निर्गत किया जायेगा। इससे एक ओर जहाँ प्रदेश में भेड़ एवं बकरी पालकों द्वारा उनके पशुओं को वन क्षेत्रों में आसानी से चरान एवं चुगान हेतु परमिट मिलने में सुगमता होगी, वहीं दूसरी तरफ वन विभाग को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।
(रमेश कुमार सुधांशु)
प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण,
- उत्तराखण्ड शासन।