गीता धामी के पास पहुंची पिरूल, रुद्राक्ष, तुलसी, भीमल से हस्तनिर्मित राखियां, कहा वोकल फ़ॉर लोकल” को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं हमारी बहिनें 

कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की स्वयं सहायता समूहों की बहनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हस्तनिर्मित राखियों से संबंधित विस्तृत चर्चा हुई थी। जिसके बाद उन्होंने उन्हें राखियों को खरीदने का ऑर्डर दिया।

गीता धामी ने कहा यह हस्तनिर्मित राखियां मेरे पास पहुंच गई हैं, जिसमें से कुछ राखियां चीड़ की सूखी पत्तियों पिरूल से बनी है। इसके अलावा रुद्राक्ष, तुलसी, भीमल से भी राखियां निर्मित की गई हैं और कुछ उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक कला ऐपण को प्रदर्शित कर रही हैं, जिसमें पहाड़ी बोली में बोले जाने वाले पारिवारिक संबंधों के शब्दों को भी बेहद खूबसूरती एवं बारीकी से अंकित किया गया है।

यह राखियां मैं अपने स्वजन बंधुओं व माँ भारती की रक्षा कर रहे सैनिक भाइयों को भेंट कर सभी के दीर्घायु एवं सुखद जीवन की कामना करूंगी। उत्तराखण्ड के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष लगाव है, इसी लगाव को और प्रगाढ़ करते हुए यह राखियां मैं प्रदेश की सभी बहनों की ओर से देश के  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आदरपूर्वक भेजूंगी।

निश्चित तौर पर आज हमारी बहनें आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मंत्र “वोकल फ़ॉर लोकल” को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं और अन्य लोगों को भी आजीविका के नए स्रोत प्रदान करने का कार्य कर रहीं हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं आज महिला सशक्तिकरण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं जो अत्यंत सराहनीय है।

आप सभी से विनम्र निवेदन है कि आप भी हमारी माताओं-बहनों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित राखियां व अन्य उत्पादों को अवश्य खरीदें और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड निर्माण में अपना योगदान दें। आप सभी को रक्षाबंधन के पावन पर्व की अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं।

 

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