गणेश चतुर्थी का पर्व आज पूरे देश में अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस विशेष पर्व के लिए विभिन्न राज्यों में भव्य तैयारियां की गई हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में एकता और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक भी है।
देशभर में गणपति की विशाल मूर्तियों की स्थापना की गई है, जहां भक्त पूरे दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और गोवा जैसे राज्यों में इस पर्व की खास धूम देखने को मिल रही है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माना जाता है, की पूजा से भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति होने का विश्वास है। गणेश चतुर्थी के व्रत और पूजा विधि को लेकर भक्तों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है। लड्डू, दूर्वा और मोदक जैसी विशेष भोग सामग्री से गणेश जी की आराधना की जा रही है। धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही इस पर्व पर सांस्कृतिक आयोजन भी पूरे जोश और उमंग के साथ हो रहे हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन गणपति विसर्जन के साथ होगा।
देश में उत्सव का माहौल
गणेश चतुर्थी के अवसर पर विभिन्न नगरों और महानगरों में विशाल पंडाल सजाए गए हैं। हर जगह गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से माहौल गूंज रहा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस पर्व के माध्यम से वे अपनी आस्थाओं को और मजबूत करते हैं और भगवान गणेश की कृपा से अपने जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति पाते हैं।