पलायन रोकने और स्वरोजगार व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देवभूमि में अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, जिससे उत्तराखंड की उभरती तस्वीर देश विदेश में नई छवि बना रही है। उत्तराखंड में होमस्टे की योजना काफी लोकप्रिय है। उत्तराखंड के बड़े इलाके ही नहीं बल्कि छोटे गांवों तक होमस्टे की योजना ने बड़ी राहत पहुंचाई है।
मुख्यमंत्री धामी की होम स्टे पहल से देश विदेश से आने वाले अतिथियों का उत्तराखंडवासी अतिथि देवो भव: के ध्येय से स्वागत करते है, अपने कल्चर को लोगों तक पहुंचाने का एक नया माध्यम होम स्टे बना, जिसमें अतिथि को रात्रि विश्राम का पहाड़ी परंपरा में भरपूर आनंद ले सके, साथ ही उन्हें पहाड़ी व्यंजन भोजन में परोसे जाते है।
वहीं उत्तराखडं सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना या कहे होम स्टेट योजना संचालित की है। सरकार की इस योजना का मकसद पहाड़ी क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करना है। फलस्वरूप पहाड़ों से पलायन को रोकने में मदद मिलेगी। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में इस योजना का विशेष योगदान होगा।
मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में होम स्टे योजना का एक नया आयाम मिला जब स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने सरकारी ठाठ-बाट को छोड़कर होम स्टे में रात्रि विश्राम किया व उन्होंने केवल एक बार नहीं अपने दौरे में दो बार होम स्टे में रात्रि विश्राम किया, व होम स्टे वालों का हौंसला बढ़ाया। होम स्टे योजना से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार पर्यटन विभाग 30 लाख रूपये तक ऋण मुहैया करा रहा है, जिस पर 50 फीसदी सब्सिडी है। अब तक उत्तराखंड में 4 हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत किए जा चुके है। होम स्टे से जुड़कर 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।