कहा कि हम दलित गरीब लोग हैं, पर बेईमान नहीं हैं। नीतीश कुमार ने दलित समाज का सम्मान बढ़ाया और हमें मुख्यमंत्री बनाया। हमें उसी का साथ देना चाहिए जहां हमें मान-सम्मान मिले
जीतन राम मांझी ने बेलागंज के प्रतिनिधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 35 सालों से बेलागंज के जनता विकास की राह देख रही है। लेकिन वहां के प्रतिनिधियों ने विकास कार्यों में अड़चनें पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि बेलागंज में जो भी थोड़ी-बहुत तरक्की हुई है, वह मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुई है। चाहे श्रीपुर-खिजरसराय पुल हो, बेलागंज-खिजरसराय सड़क मार्ग हो, या पाईं बिगहा-मखदुमपुर सड़क मार्ग, ये सब मेरे कार्यकाल की देन हैं
मांझी ने प्रतिनिधियों पर विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों से पैसे की उगाही करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता अब जागरूक है और इस बार बदलाव के मूड में है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि जातीय समीकरण का लाभ उठाने वालों को करारा जवाब दें।
मांझी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विरोधी दल भाजपा का नाम लेकर मुसलमान भाइयों को डराने का काम करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 10 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है। कितने मुसलमानों को पाकिस्तान भेजा गया? कितनों का कत्लेआम हुआ?” उन्होंने कहा कि बीजेपी में भी मुसलमान नेता और कार्यकर्ता हैं और यह सब डराने का प्रयास विरोधियों की अवसरवादी नीति है।
जीतन राम मांझी ने जनता को चेताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनका चुनाव चिन्ह कड़ाही था, लेकिन विधानसभा उपचुनाव में नीतीश कुमार के समर्थन में तीर छाप को वोट करना है। उन्होंने कहा कि इस बार बेलागंज की जनता को एक बार फिर से अवसरवादी और जातिगत राजनीति करने वालों को सबक सिखाना होगा।