देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति महिला बनीं द्रौपदी मुर्मू, प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने दिलाई शपथ

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली, संसद के केंद्रीय कक्ष में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता व हस्तियां मौजूद रहे, वहीं प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन सुबह करीब 10.15 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित हुआ, मुर्मू का राष्ट्रपति बनना कई लिहाज से ऐतिहासिक अवसर है। वह देश की 15वीं और पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी। वहीं, आजादी के 75वें साल में द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं।

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ लेने के बाद संबोधन की शुरुआत जोहार ! नमस्कार ! से कीं, उन्होंने कहा, “मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं, आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे, मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है, जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा, “उन्होंने कहा, “भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं, आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।”

 

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