साइबर हमले के बाद उत्तराखंड सचिवालय में शुरू हुई डिजास्टर रिकवरी साइट

सचिव आईटी नितेश झा ने बुधवार को साइबर हमले के बाद सचिवालय में तैयार किए गए निकटतम डिजास्टर रिकवरी सेंटर का शुभारंभ किया। इसमें न केवल संवेदनशील डाटा सहेजकर रखा जाएगा बल्कि सभी विभागों के डाटा की टेप भी फायरप्रूफ आलमारी में सुरक्षित रखी जाएंगी।

सचिव नितेश झा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य डाटा सेंटर की क्रिटिकल एप्लीकेशन और सेवाओं को किसी भी तकनीकी समस्या या आपदा के दौरान बिना किसी रुकावट सुचारू संचालित रखना है। उन्होंने टीम की प्रशंसा करते हुए इसे आईटी क्षेत्र में नवाचार का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। कहा कि यह व्यवस्था भविष्य में किसी भी आपदा या तकनीकी समस्या के दौरान महत्वपूर्ण एप्लीकेशन सेवाओं को कम से कम समय में रिकवर कर दोबारा शुरू करने में सहायक होगी।

निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल ने बताया कि निकटतम डिजास्टर रिकवरी साइट में डाटा सेंटर की महत्वपूर्ण एप्लीकेशन का छह माह तक का बैकअप उपलब्ध रहेगा। आईटीडीए ने इस सेटअप को सचिवालय स्थित स्वान पीओपी में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए बिना किसी अतिरिक्त लागत तैयार किया है। जबकि बाजार में इस प्रकार कि साइट डेवलपमेंट के काम की लागत करीब 20 करोड़ है।

डिजास्टर रिकवरी का यह काम एनआईसी निदेशक अरुण शर्मा की अध्यक्षता में गठित टीम ने पूरा कया है, जिसमें एजीएम मनवीर जोशी, प्रोजेक्ट मैनेजर राम, डाटाबेस विशेषज्ञ नितीश सैनी, नेटवर्क विशेषज्ञ विकास, बैकअप विशेषज्ञ गिरीश शामिल रहे।

 

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