यमकेश्वर में नहीं ले रही आपदा थमने का नाम, कई मकान व दुकानें हुई जमींदोज, रात भर भय के साये में सोए लोग

यमकेश्वर (पौड़ी गढ़वाल):-  उत्तराखंड में लगातार बारिश ने हाहाकर मचा के रखा है कहीं पुल टूट रहे तो कहीं लोगों के आशियाने साथ ही आवाजही भी ठप हो रखी है। यमकेश्वर विकासखंड में आपदा थमने का नाम नहीं ले रही 13 अगस्त की आपदा के बाद बीती रात तेज बारिश के चलते एक बार फिर प्रकृति ने अपना रौद्र रुप दिखाते हुये ग्राम पंचायत सिंदुडी के बैरागड गाँव में भारी तबाही मचाई। स्थानीय ग्रामीण रात भर भय के साये में घरों से बाहर निकलने को मजबूर हुये यहाँ पर कुत्ता कटली गधेरा ने अचानक ही उफान पर आने के बाद अपना रास्ता बदल दिया।

और गाँव के बीचों बीच तबाही मचाते हुये हेंवल नदी की ओर बढ़ा जिससे कई घर टूट गये व कई मलवे में दबे हुये हैं स्थानीय ग्रामीण व पर्यटन व्यवसायियों ने रात भर जागकर लोगों को सचेत किया जिससे एक बड़ी जन हानि को टाला जा सका लेकिन स्थानीय ग्रामीण व पर्यटन व्यवसायियों को अत्यधिक नुक़सान का सामना करना पड़ गया।  स्थानीय ग्रामीण विनोद जुगलान सुभाष जुगलान अरुण जुगलान नरेंद्र कपरुवांण क्षेत्र पंचायत बूंगा एवं पर्यटन ब्यवसायी सुदेश भट्ट ,भगत राम जोशी ,श्रेय ,शेखर एवं स्थानीय युवाओं के साथ रात भर लोगों को सचेत करने में लगे रहे क्षेत्र पंचायत बूंगा सुदेश भट्ट ने बताया कि बैरागड वर्तमान स्थिति में संपर्क मार्ग से पूर्ण रुप से कट चुका है जिस कारण प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की कोई राहत नहीं पहुँची है।

वहीं प्रधान संगठन यमकेश्वर के संरक्षक रामलाल बेलवाल ने सरकार से ग्रामीणों की ओर से शीघ्र से शीघ्र गाँव के दोनों गधेरों की मशीनों द्वारा सफ़ाई की माँग की गयी व इस बाबत पहले भी वो ज़िलाधिकारी को इस संबंध में सूचित कर चुके हैं उन्होंने बताया कि यदि शीघ्र इन नालों की सफ़ाई का कार्य शुरु नहीं किये जाते तो वर्तमान हालातों को देखते हुये बैरागड की स्थिति होर अधिक नाज़ुक हो सक्ती है ओर आने वाले समय में बैरागड का अस्तित्व ख़तरे में पड़ जायेगा।

 

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