आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से बड़े होने के साथ ही धार्मिक महत्व वाले शहरों का खाका तैयार किया गया है। पहले चरण में ऐसे 13 शहरों में तीन चरणों में विकास कार्य कराए जाएंगे। इन शहरों के विकास के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जाएंगी। बुके ऑफ प्रोजेक्ट के नाम से शुरू होने वाली विकास परियोजनाओं के जरिये इन शहरों में नागरिक सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा।
इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास पी. गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी व प्रयागराज के विकास से संबंधित रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। अब इसके मुताबिक ही योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। दरअसल प्रदेश सरकार धार्मिक महत्व वाले इन 13 शहरों में रहने वाले और आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं देने को लेकर प्रयासरत है। इसके मद्देनजर ही आवास विभाग ने इन शहरों में नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने का खाका तैयार कराया है।
शासन की ओर से विकास प्राधिकरणों को चिह्नित परियोजनाओं को संबंधित मंडलों के मंडलायुक्तों के साथ बैठक करके फाइनल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी जानकारी शासन को भी देने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन शहरों में विकास की परियोजनाएं शुरू की जानी है, उनके लिए ऐसी योजनाएं चिह्नित करें जिससे स्थानीय लोगों के साथ यहां आने वालों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
योजनाएं ऐसी तैयार की जाएं जिससे शहर का स्वरूप भी बदल सके। ये सभी शहर ऐसे हैं या तो धार्मिक हैं या फिर इनकी कुछ खासियत है। विकास के लिए तैयार खाके को शासन स्तर से मंजूरी मिलेगी और इसके आधार पर पैसे की व्यवस्था की जाएगी। इससे विकास प्राधिकरणों के ऊपर भार भी नहीं आएगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी।