राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस से हुई क्रॉस वोटिंग

एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गई हैं, मतों की पेटी खुलने की शुरुआत से ही द्रौपदी मुर्मू आगे चल रही थीं, वहीं उत्तराखंड की बात की जाए तो यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांग्रेस में सेंधमारी करने में कामयाब रहे हैं, वहीं रिजल्ट सामने आने के बाद ये पाया गया कि कांग्रेस के एक विधायक ने बीजेपी की उम्मीदवार मुर्मू को अपना वोट दिया है।

वहीं अब कांग्रेस इसका पता लगाने में जुटी हुई है कि उनके किस विधायक ने पार्टी के साथ गद्दारी की है, आखिर कौन है वो विधायक जिसने पार्टी के घोषित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट न देकर बीजेपी प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट दिया।

उत्तराखंड से विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात्र 15 विधायकों ने ही वोट किया, जबकि कांग्रेस के 19 विधायक हैं, कांग्रेस के 19 विधायकों में से राजेंद्र भंडारी और तिलक राज बेहड़ वोटिंग से दूर रहे थे, अब बाकी बचे 17 विधायकों ने वोट डाले, इसमें से एक कांग्रेस विधायक का वोट गलत तरीके से मतदान करने पर अमान्य हो गया, इस हिसाब से यशवंत सिंह के खाते में 16 वोट आने थे, लेकिन उनको केवल 15 वोट मिले हैं, अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस में काफी गहमागहमी बनी हुई है।

क्रॉस वोटिंग के सवाल पर सीएम धामी ने कहा

क्रॉस वोटिंग के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि विपक्ष भी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट दे, ऐसे में जिस भी नेता ने अंतरात्मा की आवाज सुनी है उसका धन्यवाद,

वहीं जब इस बारे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पार्टी के पीठ में छुरा घोंपने वाले वीर व्यक्ति को खुद सामने आना चाहिए, उसे खुलकर पार्टी का विरोध करना चाहिएस ऐसे व्यक्ति को पार्टी छोड़कर चले जाना चाहिए, पीठ में चाकू वो ही व्यक्ति घोंपता है, जिसका कोई आधार नहीं होता है, जिसमें कोई आत्मबल नहीं होता है, निश्चित ही वो बहुत गलीच आदमी है।

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