“छपरा सदर अस्पताल को धूम्रपान निषेध जोन घोषित, तंबाकू सेवन पर जुर्माना और जेल की सजा”

छपरा के सदर अस्पताल को धूम्रपान निषेध जोन घोषित कर दिया गया है। अब यहां पान, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू का सेवन करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माने की राशि ₹50 से लेकर ₹200 तक हो सकती है। इसका उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा के तौर पर पांच साल तक की जेल भी हो सकती है। यह कड़ा कदम तंबाकू के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसके सेवन से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस अभियान का नेतृत्व जिला गैर संचारी रोग (एनसीडी) विभाग के अधिकारी डॉ. भूपेंद्र कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन को रोकने के लिए अस्पताल के परिसर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अस्पताल के विभिन्न वार्डों और परिसरों में भ्रमण के दौरान, सीड्स (सोशियो इकानॉमिक एंड एडुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी) की टीम ने देखा कि कई लोग सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू का सेवन कर रहे थे।

टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन लोगों को रोका और उन्हें तंबाकू नियंत्रण अधिनियम के नियमों की जानकारी दी। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे लोगों को दंडित किया जाए और दूसरों को जागरूक किया जा सके। इस दौरान तंबाकू से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों जैसे कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों के बारे में भी जानकारी दी गई।

सीड्स के जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य तंबाकू सेवन के खतरों को समझाना और इसे लोगों के जीवन से बाहर निकालना है। इसके तहत, अस्पताल परिसर में तंबाकू नियंत्रण और तंबाकू छोड़ने के उपायों पर जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पहल में अस्पताल के कई विभागों और कर्मचारियों का सहयोग रहा है। साथ ही, इस अभियान को लगातार जारी रखने की योजना बनाई गई है, ताकि भविष्य में तंबाकू सेवन को कम किया जा सके और समाज को स्वस्थ बनाया जा सके।

अभियान के दौरान, लगभग 15 लोगों पर तंबाकू सेवन करते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया गया। अधिकतम दो सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तंबाकू सेवन को रोकने के लिए पहले से ही अस्पताल परिसर में कई स्थानों पर पोस्टर और बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग नियमों की अवहेलना कर रहे थे। इस जुर्माना प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संचालित किया गया, ताकि सभी को इसके गंभीर परिणामों का अंदाजा हो।

इस मौके पर सदर अस्पताल के लेखापाल बंटी कुमार रजक और एनसीडी विभाग के डेटा ऑपरेटर अभिषेक कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी भी मौजूद थे। उन्होंने भी इस अभियान में अपना सहयोग दिया और तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी।

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