मुख्यमंत्री धामी ने राज्य सरकार की कमान संभालते ही उत्तराखंड का नक्शा बदल दिया। उत्तराखंड विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य में पहले के मुकाबले अब काफी आगे बढ़ चुका है, मुख्यमंत्री धामी एक के बाद एक निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहे है जो देवभूमि के लिए आगे चलकर एक मिसाल कायम करेंगे। जुलाई 2021 में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में सरकार की कमान संभाली, तब उन्हें केवल दो बार के विधायक होने का राजनीतिक अनुभव था। लेकिन उत्तराखंड सरकार की कमान संभालते ही उन्होंने उत्तराखंड को एक नया आयाम दिया है, देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी उत्तराखंड अपनी नयी पहचान बना रहा है।
देवभूमि में भू-अतिक्रमण चर्चा का विषय बना हुआ है काफी लम्बे समय के बाद ऐसा देखने को मिल रहा, धामी सरकार के परिश्रम से अतिक्रमण भूमि मुक्त हो रही है और उत्तराखंड को संवारने में एक अहम भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री धामी जो ठान लेते है वह कर के दिखाते है, उत्तराखंड के विकास को देखते हुए यह तो साफ नजर आ रहा है की उत्तराखंड समृध्द और प्रगतिशील बन रहा है।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा चुवान में किए गए वादे पूर्ण होते हुए नजर आ रहे है , मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता का वायदा किया था, सत्ता में आते ही इसके लिए कमेटी बना दी, जल्द इसकी रिपोर्ट आने वाली है।
मुख्यमंत्री धामी के सता में आने के बाद उत्तराखंड में जबरन मतांतरण पर कठोर कानून अस्तित्व में आ गया। मुख्यमंत्री धामी ने जबरन मतांतरण पर सजा के प्रविधान को और सख्त करने का कदम उठाया। अब सामूहिक मतांतरण के मामलों में 10 साल तक कारावास के साथ अधिकतम 50 हजार जुर्माना राशि का प्रविधान किया गया है। जबरन मतांतरण अब गैर जमानती अपराध होगा।
देवभूमि का स्वरूप न बदले इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने सोच समझ कर सभी के हित में फैसला लिया है कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड में जमीन की खरीद फरोख्त करना नामुकिन होगा,उनका सत्यपान सरकार की बनाई जा रही कमेटी से होगा, इस फैसले का उत्तराखंड के दोनों मंडलों ने स्वागत किया है।