नई दिल्ली:- यमुना को साफ और स्वच्छ बनाने की दिशा में काम तेज करते हुए रविवार से सफाई अभियान शुरू किया गया। इसके तहत यमुना में कचरा उठाने वाले स्किमर, खरपतवार हटाने वाले यंत्र और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट को उतारा गया। यह मशीनें नियमित यमुना की सफाई करेंगी। इसे लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को मुख्य सचिव और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी।
बैठक में दोनों को यमुना की सफाई को लेकर तुरंत काम शुरू करने का आदेश दिया। यमुना साफ करने के लिए चार सूत्री काम किया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले यमुना के बहाव में जमा कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा। साथ ही नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और अन्य सभी प्रमुख नालों में सफाई अभियान चलाया जाएगा। यमुना में गिरने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए बनाए गए एसटीपी की क्षमता और उत्पादन की दैनिक निगरानी रखी जाएगी। साथ ही निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में करीब 400 एमजीडी सीवर के उपचार की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए नए एसटीपी-डीएसटीपी सहित अन्य के निर्माण को लेकर एक समयबद्ध योजना बनाई जाएगी। साथ ही इन्हें जल्द से जल्द चालू किया जाएगा।
बता दें कि यमुना की सफाई का काम जनवरी 2023 में मिशन मोड में शुरू हुआ था, जब एनजीटी ने एलजी सक्सेना की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन किया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर एनजीटी के आदेश पर रोक लगवा दी। उसके बाद यमुना की सफाई का काम प्रभावित हुआ।
चुनावी घोषणा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुना को तीन साल में साफ करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता होगी। इसमें दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली नगर निगम, पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण शामिल हैं। यमुना की सफाई को लेकर चलाए जा रहे अभियान की निगरानी साप्ताहिक आधार पर की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) शहर में औद्योगिक इकाइयों से नालों में अनुपचारित अपशिष्ट के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखेगी।