सहरसा जिले में अधिवक्ताओं पर लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से क्षुब्ध होकर मंगलवार को सहरसा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संघ ने विरोध प्रदर्शन किया। सुरक्षा की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर से समाहरणालय तक पैदल मार्च निकाला। फिर जिला प्रशासन से अधिवक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग की।
प्रदर्शन में अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष सुदेश कुमार सिंह, ओमप्रकाश ठाकुर, लुकमान अली, संजीत कुमार, आदित्य ठाकुर और वेद प्रकाश समेत कई अधिवक्ता शामिल थे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए अधिवक्ताओं पर हो रहे हमलों की निंदा की और अपराधियों के बढ़ते मनोबल को लेकर चिंता जताई। अधिवक्ताओं का कहना है कि जिले में अपराधियों का आतंक इस हद तक बढ़ गया है कि वे अधिवक्ताओं पर खुलेआम हमले करने से भी नहीं हिचक रहे।
अधिवक्ताओं ने बताया कि सात जून को अधिवक्ता लीलाधर शर्मा की हत्या हुई, जिसमें अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। 10 अक्तूबर को अपराधियों ने अधिवक्ता एकता झा के निवास में घुसकर हमला किया, लेकिन नाम उजागर होने के बावजूद अभी भी आरोपी फरार हैं। 28 अक्तूबर को अधिवक्ता दुलारचंद शर्मा की गोली मारकर निर्मम हत्या की गई, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अधिवक्ता संघ ने इन घटनाओं को लेकर जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी और अधिवक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील की है। अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों का लिखित ज्ञापन सहरसा के डीएम को सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।