रुड़की में बड़ा खुलासा: युवक की मौत मामले में छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में रुड़की (Roorkee) के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में बीते साल हुई एक युवक की संदिग्ध मौत का मामला अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। एक साल पहले तालाब में मृत पाए गए युवक वसीम की मौत के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है।

घटना का पूरा मामला

यह घटना 24 अगस्त 2023 की है। मृतक के चचेरे भाई अल्लाउद्दीन के मुताबिक, वसीम स्कूटी से अपनी बहन के घर से लौट रहा था। इसी दौरान माधोपुर कब्रिस्तान के पास पुलिसकर्मियों और कुछ अन्य लोगों ने उसे रोक लिया। आरोप है कि गोवंश संरक्षण स्क्वॉड से जुड़े उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। इसके बाद वसीम को तालाब में फेंक दिया गया। आरोप है कि जब कुछ लोगों ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें गोली मारने की धमकी देकर भगा दिया। अगले दिन सुबह तालाब से वसीम का शव बरामद हुआ। उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिससे यह साफ था कि उसे बुरी तरह मारा गया था।

परिवार की लड़ाई और कोर्ट का आदेश

परिवार ने घटना के तुरंत बाद पुलिस को तहरीर दी, लेकिन उस समय कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। न्याय के लिए वसीम के परिजनों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कई सुनवाईयों के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) के आदेश पर गंगनहर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।

अब दर्ज हुआ हत्या का केस

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, प्रवीण सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जाएगी और आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।

परिवार का दर्द

वसीम के परिवार ने कहा कि – “हमने शुरू से ही न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई। अगर समय पर कार्रवाई होती तो हमें एक साल तक दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़तीं। अब हम चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।”

बड़ा सवाल: पुलिस पर ही आरोप क्यों?

यह मामला केवल एक युवक की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है। जिस संस्था का काम कानून और इंसाफ दिलाना है, अगर वही आरोपी बन जाए तो आम जनता भरोसा कहां जताए?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *