उत्तराखंड में एक बार फिर से चारधाम यात्रा का संचालन शुरू कर दिया गया है। बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण 1 सितंबर से 5 सितंबर तक यात्रा को स्थगित करना पड़ा था। इससे न सिर्फ श्रद्धालु मायूस हुए थे, बल्कि स्थानीय व्यापारी और होटल कारोबारियों की रोज़ी-रोटी पर भी असर पड़ा था। अब मौसम के सुधरते ही शासन ने यात्रा को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है, जिससे एक बार फिर चारधाम मार्गों पर रौनक लौट आई है।
शासन ने जारी किए आदेश
शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चारधाम यात्रा और पंजीकरण की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। साथ ही उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के जिलाधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय ले सकें। यानी अगर कहीं मौसम खराब होता है या सड़क मार्ग बाधित होता है तो स्थानीय प्रशासन यात्रा को रोकने या नियंत्रित करने का निर्णय ले सकेगा।
श्रद्धालुओं में उत्साह
यात्रा फिर से शुरू होने की खबर मिलते ही श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। कई लोग जो पिछले कुछ दिनों से रुके हुए थे, अब एक बार फिर अपने धामों की ओर रवाना हो रहे हैं। खासतौर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के रास्तों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। हरिद्वार से यात्रा पर निकले एक श्रद्धालु ने कहा – “हम कई दिनों से इंतजार कर रहे थे। बारिश के कारण यात्रा रुकी तो थोड़ा मन उदास हो गया था। लेकिन अब जब मौसम साफ है और यात्रा फिर से शुरू हुई है, तो बहुत अच्छा लग रहा है।”
स्थानीय लोगों को मिली राहत
चारधाम यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि पहाड़ी अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। यात्रा के रुकने से होटलों, ढाबों और टैक्सी चालकों की आमदनी पर भारी असर पड़ा था। अब यात्रा दोबारा शुरू होने से स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। रुद्रप्रयाग के एक व्यापारी ने बताया – “चारधाम यात्रा हमारे लिए जीवन रेखा है। पिछले कुछ दिनों से धंधा पूरी तरह ठप हो गया था। अब उम्मीद है कि यात्रा सुचारू रूप से चलती रहेगी।”
प्रशासन ने की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें और पूरी सावधानी बरतें। साथ ही केवल पंजीकरण कराने के बाद ही यात्रा के लिए आगे बढ़ें।