देहरादून। उत्तराखंड में महिलाओं के परिश्रम और संघर्ष को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार ने एक बार फिर तीलू रौतेली पुरस्कार की घोषणा की है। इस बार प्रदेश की 13 साहसी और प्रेरणादायी महिलाओं को यह सम्मान मिलेगा। साथ ही 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह पुरस्कार वितरण समारोह 4 सितंबर को आईआरडीटी सभागार, देहरादून में आयोजित होगा, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
महिला सशक्तिकरण का प्रतीक तीलू रौतेली पुरस्कार
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि तीलू रौतेली पुरस्कार उत्तराखंड की उन बेटियों और महिलाओं को दिया जाता है, जिन्होंने समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, सामाजिक उत्थान और अन्य क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा – “यह पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरणा देने का एक जरिया है।”
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बनीं ‘सशक्तिकरण की मिसाल’
रेखा आर्या ने विशेष रूप से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सराहना करते हुए कहा कि ये बहनें अपने सामर्थ्य से कहीं अधिक काम कर रही हैं। चाहे पोषण अभियान हो, बच्चों की देखभाल हो या फिर महिलाओं के लिए योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना – इनका योगदान अभूतपूर्व है। मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि इन महिलाओं को और मजबूत बनाया जाए ताकि महिला सशक्तिकरण का असली संदेश समाज तक पहुंचे।
क्यों खास है यह पुरस्कार?
- यह पुरस्कार उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली की स्मृति में दिया जाता है।
- तीलू रौतेली ने 17वीं शताब्दी में कुमाऊं-गढ़वाल की धरती पर अपने साहस और पराक्रम से इतिहास रचा था।
- पुरस्कार का मकसद महिलाओं के संघर्ष, मेहनत और उपलब्धियों को उजागर कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
महिलाओं के लिए बड़ी प्रेरणा
प्रदेश भर से चुनी गई इन 13 महिलाओं और 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की कहानियां न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश की बेटियों को प्रेरित करेंगी। यह आयोजन महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्तराखंड सरकार का एक और महत्वपूर्ण कदम है।