रुड़की: स्मार्ट मीटर और गन्ना बकाया भुगतान को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू

रुड़की में किसानों का गुस्सा एक बार फिर खुलकर सामने आया है। मंगलवार से किसानों ने रुड़की एसडीएम कोर्ट परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है कि जब तक उनकी तीन प्रमुख मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, यह आंदोलन जारी रहेगा।

किसानों की प्रमुख मांगें

धरने पर बैठे किसान नेताओं ने कहा कि मौजूदा हालात में खेती पहले ही घाटे का सौदा बन चुकी है। ऐसे में सरकार की नीतियाँ किसानों पर और बोझ डाल रही हैं। किसानों ने धरने में तीन मुख्य मांगें रखीं:

  1. स्मार्ट मीटर का विरोध – किसानों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिलों में बेहताशा वृद्धि हुई है। पहले से ही महंगी होती खेती अब इन भारी बिलों से और असंभव होती जा रही है।
  2. शुगर मिलों पर बकाया भुगतान – किसान नेताओं ने बताया कि गन्ना सप्लाई करने के बावजूद शुगर मिलों पर किसानों का करोड़ों रुपये बकाया है। समय पर भुगतान न होने से किसान कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
  3. पुराने बिजली बकाया में छूट – किसानों ने यह भी मांग रखी कि पुराने बिजली बकाया बिलों में राहत दी जाए। उनका कहना है कि जब खेती की आय लागत से मेल ही नहीं खाती, तो पुराने बकाया वसूलना किसानों के साथ अन्याय है।

सरकार से नाराजगी और वादाखिलाफी का आरोप

धरना स्थल पर किसान नेताओं ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनावी मौसम में किसानों से वादे किए जाते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें भुला दिया जाता है। बढ़ती महंगाई, खेती की लागत और घटती आमदनी ने ग्रामीण और किसान परिवारों की स्थिति को बेहद खराब कर दिया है। किसानों का कहना है कि सरकार यदि जल्द समाधान नहीं करती तो यह आंदोलन सिर्फ रुड़की तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश और देशभर में फैल सकता है।

संघर्ष केवल किसानों का नहीं, पूरे ग्रामीण समाज का

धरने में शामिल नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष केवल किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे ग्रामीण समाज से जुड़ा हुआ है। खेती यदि घाटे का सौदा बनती रही तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और आंदोलन अब किसी भी स्तर तक ले जाया जाएगा।

अन्नदाता की पुकार

धरना स्थल पर मौजूद किसानों ने नारेबाजी करते हुए साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि देश की रीढ़ हैं। यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो इसका असर सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बाजार और अर्थव्यवस्था तक भी पहुंचेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *