उत्तराखंड के मेधावी और जरूरतमंद छात्रों के लिए एक राहत भरी और प्रेरणादायक खबर आई है। उत्तराखंड मानव सेवा समिति ने उन विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने की दिशा में कदम उठाया है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पीछे रह जाते हैं। समिति ने अब ऐसे छात्रों को निःशुल्क कोचिंग देने की योजना शुरू की है।
मेधावी छात्रों को मिलेगा सुनहरा अवसर
समिति की यह पहल विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए है। लक्ष्य है कि पहाड़ के होनहार छात्र न केवल बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करें, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल कर सकें। फिलहाल समिति ने रामनगर में पहला नि:शुल्क आवासीय कोचिंग सेंटर शुरू किया है, जहाँ वर्तमान में 10 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन छात्रों को रहने और पढ़ाई की सुविधा पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराई गई है। आने वाले समय में इस योजना को पूरे उत्तराखंड में फैलाने की योजना है।
गढ़वाल में भी खुलेगा नया कोचिंग सेंटर
रामनगर के बाद अब समिति श्रीनगर गढ़वाल या चमोली जिले में दूसरा सेंटर खोलने की तैयारी कर रही है। धीरे-धीरे यह अभियान पूरे राज्य तक पहुँचाने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक प्रतिभाशाली छात्रों को लाभ मिल सके।
मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद भी
हाल ही में आयोजित कार्यक्रमों में समिति ने प्रदेश के 243 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।
- उत्तराखंड बोर्ड के दोनों मंडलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को ₹40-40 हजार की राशि दी गई।
- 10 जिलों की श्रेष्ठता सूची में आने वाले छात्रों को ₹35-35 हजार का पुरस्कार मिला।
- ब्लॉक स्तर पर सर्वोच्च स्थान पाने वाले छात्रों को ₹30-30 हजार दिए गए।
- वहीं, 85% से अधिक अंक लाने वाले सभी छात्रों को ₹10-10 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
समिति का विज़न
मानव सेवा समिति के अध्यक्ष और भविष्य निधि के पूर्व अपर आयुक्त बी.एन. शर्मा ने कहा कि संगठन का उद्देश्य है कि पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के अवसर बड़े शहरों जैसी सुविधाओं के साथ मिलें। उनका मानना है कि यदि मेधावी छात्रों को सही दिशा और सहयोग दिया जाए तो वे भविष्य में न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करेंगे बल्कि राज्य और देश का नाम भी रोशन करेंगे।