उत्तराखंड में इस बार का मानसून लगातार तबाही लेकर आया है। धराली आपदा के बाद अब चमोली जिले के थराली में भी बरसात का कहर देखने को मिला। आपदा प्रभावित परिवारों की पीड़ा को करीब से देखने और समझने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को स्वयं थराली पहुंचे।
प्रोटोकॉल तोड़ जनता के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का काफिला जैसे ही थराली क्षेत्र से गुज़रा, वहां मौजूद प्रभावित ग्रामीण उनकी गाड़ी की ओर दौड़े और अपनी समस्याएं बताने लगे। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत काफिला रुकवाया और खुद ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी बातें सुनीं। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे गुज़ारिश की कि ऊपर के गांवों का मार्ग जल्द से जल्द खुलवाया जाए ताकि वहां फंसे लोगों तक राहत पहुँच सके।
सीएम धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि रास्ता खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है और जैसे ही रास्ता सुरक्षित हो जाएगा, वे स्वयं गांव जाकर हालात का जायजा लेंगे।
धराली में भी दिखाई थी संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री धामी का यह जमीनी रुख कोई नया नहीं है। इससे पहले धराली आपदा के दौरान भी वे लगातार तीन दिन तक प्रभावित इलाके में डटे रहे थे और हर राहत एवं बचाव कार्य की खुद निगरानी की थी। थराली दौरे में भी उन्होंने उसी संवेदनशीलता और तत्परता की मिसाल पेश की।
प्रभावितों से सीधा संवाद
थराली में आपदा प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राहत और सहायता कार्यों में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी और प्रभावित गांवों तक हर जरूरी मदद जल्द से जल्द पहुँचाई जाएगी।
सरकार का साफ संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने अपने दौरे के दौरान साफ संदेश दिया कि सरकार का पहला कर्तव्य है – प्रभावित परिवारों तक राहत पहुँचाना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज़मीनी स्तर पर काम तेज़ी से हो और किसी भी गांव या परिवार को उपेक्षित महसूस न हो।