बिहार सरकार की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दिए जाने की घोषणा के बाद उपभोक्ताओं के बीच उठे सवालों को लेकर विद्युत अधीक्षण अभियंता, पूर्णिया अंचल ने स्थिति स्पष्ट की। अधीक्षण अभियंता चंद्रशेखर कुमार ने ‘मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना’ के विस्तार पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष राहत देना है।
125 यूनिट तक पूरी तरह मुफ्त बिजली
उन्होंने बताया कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसमें ऊर्जा शुल्क, फिक्स्ड चार्ज, और बिजली शुल्क—तीनों शामिल हैं।
उदाहरण स्वरूप, यदि कोई उपभोक्ता 126 यूनिट बिजली का उपयोग करता है, तो शुरुआती 125 यूनिट पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
शेष 1 यूनिट पर अनुदान दर के आधार पर शुल्क लगेगा। साथ ही इस एक यूनिट पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी तथा फिक्स्ड चार्ज (स्वीकृत भार या उठे हुए भार का 75%, जो अधिक हो) भी लागू होगा।
अधिक खपत पर लागू होंगे पूर्व के नियम
यदि कोई उपभोक्ता 125 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करता है या स्वीकृत भार से अधिक लोड का उपयोग करता है, तो उस पर पूर्ववत अधिक्य भार शुल्क (Overload Charges) लागू होंगे।
छूट की गणना कैसे होगी?
अधीक्षण अभियंता ने यह भी स्पष्ट किया कि 125 यूनिट की गणना 30 दिनों के औसत बिलिंग चक्र पर आधारित होगी।
- अगर बिलिंग अवधि 40 दिन की है और उपभोक्ता की खपत 200 यूनिट है, तो
(125 × 40)/30 = 167 यूनिट तक मुफ्त
शेष 33 यूनिट पर शुल्क लागू होगा। - यदि बिलिंग अवधि 25 दिन की है और खपत 125 यूनिट है, तो
(125 × 25)/30 = लगभग 104 यूनिट मुफ्त
शेष 21 यूनिट पर शुल्क लगेगा।
सब्सिडी योजना भी जारी रहेगी
125 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी राज्य सरकार की मौजूदा बिजली सब्सिडी योजना का लाभ मिलता रहेगा, यानी उन्हें पहले से मिल रही दरों पर रियायत मिलती रहेगी।