राजस्थान: प्रारंभिक शिक्षा में बड़ा बदलाव, अब पढ़ेंगे गौरवशाली इतिहास और संस्कृति

राजस्थान: प्रारंभिक शिक्षा पाठ्यक्रम में होगा बड़ा बदलाव, छात्रों को पढ़ाया जाएगा गौरवशाली इतिहास और संस्कृति

जयपुर: राजस्थान की भाजपा सरकार राज्य के प्राथमिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में व्यापक बदलाव करने जा रही है। नए पाठ्यक्रम में छात्रों को महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, वीर दुर्गादास, सुभाष चंद्र बोस, दयानंद सरस्वती, सरदार वल्लभभाई पटेल और गोविंद गुरु जैसे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों के जीवन और योगदान से परिचित कराया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होगा नया सिलेबस
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि कक्षा 1 से 5 तक के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगा। यह स्थानीय परिवेश और मातृभाषा को प्राथमिकता देगा और छात्रों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और भौगोलिक पहचान के प्रति समझ और गर्व विकसित करेगा।

इस सत्र से लागू होगा नया पाठ्यक्रम
नया सिलेबस इसी शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। पाठ्यक्रम में प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों, बाबा रामदेव की पदयात्रा, संयुक्त परिवारों के सामाजिक लाभ, भारत की प्रमुख नदियों और इसरो के चंद्रयान मिशन को भी शामिल किया गया है।

पर्यावरण शिक्षा को भी मिलेगा स्थान
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में बिश्नोई समाज के बलिदान की कहानी को भी जोड़ा जाएगा। वर्ष 1730 में जोधपुर के महाराजा द्वारा पेड़ कटवाने के आदेश के विरोध में बिश्नोई समाज द्वारा किए गए ऐतिहासिक आंदोलन को छात्रों को पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें पेड़ों की महत्ता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।

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