बिहार:- “मैं बदलूंगा बिहार” के सामुहिक उद्घोष से दिल्ली में भारत मंडपम गुंजायमान हो गया। रविवार को एक-दिवसीय कार्यक्रम में बिहार और प्रवासी बिहारियों के दो हजार से अधिक उद्यमियों, स्टार्टअप्स और विचारकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कॉन्क्लेव ने बिहार की विकास यात्रा पर चर्चा के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन विज़न 2047 दस्तावेज के विमोचन के साथ हुआ। लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान शुरू करने वाले सीनियर आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने विभाजन की मानसिकता को त्यागने और बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित हम सभी किसी जाति, समुदाय, धर्म, रंग या संप्रदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि बिहार के विकास के लिए एक साझा दृष्टि का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे अभियान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा, रोजगार, या स्वास्थ्य देखभाल के लिए कोई भी बिहार छोड़ने पर मजबूर न हो। शिक्षा, समता और उद्यमिता के सिद्धांतों पर आधारित यह अभियान बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और उद्यमशील विरासत से प्रेरणा लेकर जाति और समुदाय की सीमाओं से परे लोगों को राष्ट्रीय विकास के लिए एकजुट करता है। इसके विभिन्न अध्यायों के माध्यम से 1,50,000 से अधिक स्वयंसेवक सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
विकास वैभव ने कहा कि कहा, “बिहार को अपनी गहरी नींद से जागने, निष्क्रियता तोड़ने और लंबे समय से जारी जड़त्व से बाहर निकलने की जरूरत है। हमें उस अंतर्निहित शक्ति और क्षमता पर विश्वास करना चाहिए, जिसने एक समय में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया था।” उन्होंने बिहार के भविष्य के प्रति आशावादी बने रहने का आग्रह किया और आने वाले समय में सामाजिक परिवर्तन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वैभव ने यह भी कहा कि समाज में बनाए गए विभिन्न प्रकार के भेदों से ऊपर उठे बिना, हम 2047 तक तो क्या, 2147 तक भी बिहार का विकास नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने न केवल व्यक्तियों बल्कि बिहार के उत्थान के लिए काम करने वाले सभी संगठनों से लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के साथ मिलकर एक गौरवशाली भविष्य निर्माण के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने हाल ही में अभियान से जुड़ने वाले कुछ संगठनों की जानकारी दी, जिनमें प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (25,000+ स्कूलों से संबंधित संस्था), ऑटो रिक्शा संघ, मुजफ्फरपुर, सखी बहिनपा मैथिलानी संगठन (40,000+ महिलाएं), और बिहारी वेलफेयर सोसाइटी, दिल्ली शामिल हैं। इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें उत्तर पूर्व दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी, प्रसिद्ध इस्लामी धर्मगुरु मौलाना कल्बे रुशैद रिज़वी, श्रेयसी सिंह, ददन यादव (पूर्व मंत्री), प्रसिद्ध हिंदी कवि शंभू शिखर, मशहूर गायिका नीतू कुमारी नूतन, स्वास्थ्य विशेषज्ञ शशिकांत राय (स्वास्थ्य मंत्रालय), नीदरलैंड में अपना व्यवसाय जमाये बिहारी मूल के जयंत शांडिल्य, डॉ. ज्वाला प्रसाद, अंकित कुमार (संस्थापक, बिहार छात्र संसद), लव सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता) और अन्य प्रतिष्ठित पेशेवर और नौकरशाह शामिल थे।