बीते आठ वर्षों में औसतन सालाना 43,678 लोगों की भर्ती की गई, यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र के अगले 18 महीनों में विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में 10 लाख लोगों की भर्ती करने के निर्देश के बाद आया है, वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग द्वारा वेतन व भत्तों पर जारी ताजा वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के कुल नियमित सिविल कर्मचारियों (केंद्र शासित प्रदेशों सहित) की संख्या एक मार्च 2020 की अवधि तक 31.91 लाख थी, जबकि स्वीकृत पदों की कुल संख्या 40.78 लाख थ, इस हिसाब से करीब 21.75 प्रतित पद रिक्त थे, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल श्रम शक्ति का करीब 92 प्रतिशत हिस्सा पांच प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के अंतर्गत आता है।
इनमें रेलवे, रक्षा (सिविल), गृह कार्य, डाक और राजस्व शामिल हैं. कुल 31.33 लाख पदों की निधार्रित संख्या (संघ शासित प्रदेशों को छोड़कर) में रेलवे की हिस्सेदारी 40.55 प्रतिशत है, सरकारी सूत्रों ने कहा कि मोदी के निर्देश के बाद विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को रिक्तियों का विवरण तैयार करने के लिए कहा गया था और समग्र समीक्षा के बाद 10 लाख लोगों की भर्ती करने का निर्णय लिया गया.विभिन्न विधानसभा चुनावों के दौरान, विपक्षी दलों ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की है. रेलवे ने कहा कि 2014-15 से 2021-22 तक, उसने कुल 3,49,422 लोगों की भर्ती की और औसत 43,678 प्रति वर्ष था, जबकि 2022-23 में वह 1,48,463 लोगों की भर्ती करेगा।