कालागढ़ (बिजनौर)। रामगंगा बांध प्रशासन ने मानसून से पूर्व उत्तर प्रदेश के सात जनपदों को बाढ़ चेतावनी जारी की है। बांध प्रशासन ने सातों जनपदों बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद और अमरोहा के जिला अधिकारियों को बाढ़ चेतावनी का पत्र जारी किया है। मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, कानपुर के आयुक्तों को भी पत्र भेजा है।
कालागढ़ के रामगंगा बांध से प्रतिवर्ष मानसून से पहले रामगंगा नदी के बहाव क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिए बाढ़ चेतावनी जारी की जाती है। अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार के अनुसार बांध से पानी की निकासी के समय शायद इतना समय न मिले की बहाव क्षेत्र को खाली कराया जा सके। इसलिए प्रभावी कार्रवाई समय से की जानी आवश्यक है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के चार आयुक्त मेरठ, बरेली, मुरादाबाद व कानपुर के अलावा बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद व अमरोहा के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। बांध का जलस्तर 355 मीटर होने के बाद ही पानी की निकासी बांध से वर्षाकाल में की जाएगी। इसकी सूचना बांध से पहले जारी की जाएगी। वर्तमान में बांध के जलाशय का जलस्तर 338 मीटर है।
2010 में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी चला
रामगंगा बांध से 1978, 1990, 1998 व 2000 में बांध को भरा गया था। 2010 में बांध से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी नदी में छोड़ा गया था। इससे मैदानी क्षेत्र में बाढ़ की आ गई थी। वर्तमान में ऐसी समस्या न हो, इससे बचाव के लिए बाढ़ चेतावनी आवश्यक है।
इसलिए बनती है बाढ़ की की समस्या
अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार के मुताबिक बांध के निर्माण के बाद से नदी के बहाव क्षेत्र में आबादी का विस्तार हो गया है। नदी के तलहटी क्षेत्र में खेती करके अवरोध उत्पन्न किया हुआ है। बांध से पानी की निकासी होने पर इस क्षेत्र को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पहले ही बहाव क्षेत्र को खाली करा लिया जाए तो उचित है।
गंगा दशहरा के लिए रामगंगा बांध से पानी की निकासी शुरू
कालागढ़। रामगंगा बांध से गंगा दशहरा के लिए पानी की निकासी बिजली उत्पादन के जरिए की जा रही है। बांध के ईई नीरज कुमार त्यागी ने बताया कि बांध से 6,115 क्यूसेक पानी की निकासी नदी में की जा रही है। बिजली उत्पादन, सिंचाई के लिए बांध से 5615 क्यूसेक पानी दिया जा रहा था। अब इसमें 500 क्यूसेक पानी मांग आने पर गंगा दशहरा के लिए नदी में बढ़ा दिया गया है। बांध से दिए जा रहे पानी का उपयोग बिजली बनाने में किया जा रहा है। नदी में पानी हरेवली होकर मुरादाबाद के लिए चल रहा है।