उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर में पहुंचे, उन्हें अपने विद्यालय में बिताया हुआ समय याद आ गया। वह काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे। कई बार भावुक भी हुए।
विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक राजेंद्र सिंह रावत ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मेरे पास एक छड़ी हुआ करती थी और योगी आदित्यनाथ कक्षा में सबसे आगे बैठते थे। वे पढ़ाई में होशियार थे। मेरी छड़ी से वह बहुत डरते थे। उसी छड़ी के डर ने उन्हें कामयाब व्यक्ति बना दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने अपने शिक्षक राजेंद्र सिंह रावत के बारे में बताया कि विद्यालय में आज से 40 वर्ष पूर्व संसाधनों के अभाव में भी कितना सख्त अनुशासन होता था। हमारे शिक्षक छड़ी लेकर घूमा करते थे। शिक्षक बच्चों को अतिरिक्त समय देते थे। किसी छात्र के विद्यालय न आने पर शिक्षक छात्र के घर तक पहुंच जाते थे।
उस समय गांवों में सूचनाओं के लिए अखबार, टीवी उपलब्ध नहीं था। विद्यालय में सुबह प्रार्थना के समय शिक्षक ही बच्चों को देशभर की घटनाओं से अवगत करवाया करते थे। साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं सरकार क्या कार्य कर रही है, इसकी जानकारी उपलब्ध करवाते थे।
विद्यालय में अवकाश का कारण क्या है यह सब शिक्षकों की ओर से बच्चों और ग्रामीणों को मालूम चलता था। तब विद्यालय में अनुशासन हुआ करता था। विद्यालय में बच्चों की पिटाई होने पर अभिभावक नाराज नहीं होते थे। उसके बाद योगी ने विद्यालय में मेधावी छात्र-छात्राओं समेत शिक्षकों और विद्यालय में मौजूद लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राजकीय आदर्श जूनियर हाईस्कूल ठांगर में योगी आदित्यनाथ को विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष गीता देवी ने पर्वतीय स्थानीय कृषि उत्पादों की टोकरी भेंट की। विद्यालय में सामूहिक रूप से उपस्थित सभी लोगों और छात्र-छात्राओं, शिक्षकों के साथ योगी आदित्यनाथ ने फोटो भी खिंचवाई।
मुख्यमंत्री योगी ने मेधावी छात्र कक्षा आठ के अमनदीप, कक्षा छह की प्रीति, कक्षा सात के अनुज, कक्षा छह की आश्रिथा, कक्षा छह की सिया और कक्षा आठ के अनुज कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।