कसौटी पर पार्टी के 47 विधायक, जांचा जाएगा 47 विधायकों के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड

लोकसभा चुनाव में पार्टी के सभी 47 विधायकों की विधानसभा और उनके बूथों में प्रदर्शन को लेकर रिपोर्ट कार्ड जांचा जाएगा। भाजपा प्रदेश महेंद्र भट्ट पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं। उनका मानना है कि प्रदर्शन की समीक्षा से आने वाले चुनाव की प्रभावी रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। लोकसभा की पांचों सीटें जीतने के बावजूद भाजपा को 2019 की तुलना में वोटों और विस सीटों के मामले में झटका लगा है। 70 विस सीटों में भाजपा 2019 की तुलना में केवल 13 सीटों पर ही बढ़त बना सकी। सबसे ज्यादा बढ़त भाजपा ने नैनीताल-यूएसनगर लोस में बनाई। पार्टी नेतृत्व इसे लेकर काफी गंभीर है और उसे यह प्रश्न मथ रहा कि संसाधनों, सांगठनिक नेटवर्क और रणनीति के मामले में मजबूत तैयारी के बावजूद पार्टी लक्ष्य के मुताबिक, प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाई।

इसलिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सबसे पहले विधानसभा, मंडल और बूथ स्तर पर जिम्मेदार नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की समीक्षा करने का फैसला लिया है। पार्टी मुख्यालय में एक कमेटी को 2019 के लोकसभा चुनाव, 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण के जरिये प्रदर्शन के आकलन का जिम्मा दिया जाएगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीता था। पार्टी ने चुनाव में हारी 23 विधानसभा सीटों को लक्ष्य बनाकर काम किया, ताकि लोकसभा चुनाव में 2019 के लोस चुनाव से बेहतर प्रदर्शन हो। 2022 की तुलना में पार्टी ने 47 की तुलना में 60 सीटों पर बढ़त बनाने में कामयाबी पाई, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में उसका प्रदर्शन उम्मीद के हिसाब से नहीं रहा।

2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में कुछ सुधार किया है, लेकिन 2019 की तुलना में उसका घाटा कम नहीं हुआ है। हरिद्वार जिले में भाजपा 11 में से आठ सीटें हार गई थी। इस लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों की संख्या आठ से घटकर छह रह गई। जिले में पार्टी बीएचईएल रानीपुर, रुड़की, हरिद्वार ग्रामीण, हरिद्वार विस सीट पर बढ़त बनाई। यूएसनगर में नौ में से पांच सीटें भाजपा ने 2022 के चुनाव में हारी थी। 2024 के चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस वर्चस्व वाली खटीमा, किच्छा, बाजपुर, हल्द्वानी में बढ़त बनाई। केवल एक सीट जसपुर में वह पीछे रही, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में वह एक सीट पीछे रही। 2019 में भाजपा केवल पांच विधानसभा सीटों पर पीछे रही थी। 2024 के लोस चुनाव में उसे 10 विधानसभा सीटों पर झटका लगा। टिहरी लोस सीट पर चकराता, पुरोला और यमुनोत्री में पार्टी पीछे रही।

पुरोला में पूर्व विधायक मालचंद को शामिल कराने का भी पार्टी को कोई फायदा नहीं मिला। हरिद्वार जिले में भाजपा को कांग्रेस ने भगवानपुर, ज्वालापुर, लक्सर, मंगलौर, पिरानकलियर और झबरेड़ा विस सीट पर पीछे छोड़ा। पिछले चुनाव की तुलना में 70 में से टिहरी में सहसपुर सीट को छोड़कर बाकी सभी विस सीटों पर पार्टी के वोट घटे। सहसपुर में पार्टी को 2019 में 69,685 वोट मिले थे। इस चुनाव में 72,125 वोट बढ़े। गढ़वाल लोस क्षेत्र में सभी 14 विस सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में वोट कम हो गए। हरिद्वार सीट में बीएचईएल रानीपुर सीट पर पार्टी के वोट बढ़े। 2019 में 62,739 वोट थे, जो इस चुनाव में बढ़कर 62,739 हो गए। पार्टी ज्वालापुर सीट पर पीछे रही, लेकिन उसके वोट 31,780 से बढ़कर 33,369 हो गए। विस में हारी हुई हरिद्वार ग्रामीण विस में भी पार्टी के वोटों का इजाफा हुआ। 2019 में यहां 42,842 वोट थे, जो बढ़कर 47,326 हो गए। अल्मोड़ा लोस सीट पर 2019 की तुलना में भाजपा को कपकोट और द्वारहाट सीट ज्यादा वोट मिले। नैनीताल लोस सीट में भाजपा भीमताल, नैनीताल, कालाढूंगी, गदरपुर, रुद्रपुर, सितारगंज और खटीमा सीट पर 2019 की तुलना में अधिक वोट लाई।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *