पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बीते दिन श्री कंठ महादेव पर्वतारोहण अभियान दल के सदस्यों को सुभाष रोड स्थित कैम्प कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पर्वतारोहण अभियान का उद्देश्य पौधरोपण, पॉलिथीन के उपयोग से बचने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है। इस अभियान से युवाओं को गाइड आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की जानकारी मिलेगी। दल अगले 20 दिनों तक उत्तरकाशी के कंठ पर्वत पर चढ़ाई करेगा।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के सहयोग से इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के नेतृत्व में आयोजित होने वाले इस पर्वतारोहण अभियान दल में गढ़वाल क्षेत्र के 12 युवक-युवतियां प्रतिभाग कर रहे हैं। दल के सदस्य उत्तरकाशी से 75 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करेंगे तत्पश्चात 03 दिन के ट्रेक को पूरा करते हुए कंठ पर्वत के बेस कैंप पहुंचेंगे। अगले 20 दिन में यह दल कंठ पर्वत पर चढ़ाई करेगा। इसी वर्ष सितंबर माह में कुमाऊं मंडल के युवक-युवतियों के लिए छोटा कैलाश पर्वत पर पर्वतारोहण अभियान आयोजित किया जाएगा
पर्वतारोहण अभियान दल के सभी सदस्यों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में साहसिक खेलों की अपार संभावनाएं हैं। निश्चित रूप से पर्वतारोहण अभियान दल इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को प्रेरित करेगा और प्रदेश के युवा इस क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार संबंधी जानकारी प्राप्त करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में प्रमुख भूमिका निभा सकेंगे। उन्होंने इस तरह के प्रयासों में सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिये जाने का भी आश्वासन दिया।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि यूटीडीबी ने इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के साथ मिलकर पहली बार पर्वतारोहण अभियान आयोजित किया है। इसके साथ ही यूटीडीबी की ओर से पर्वतारोहण दल को सहयोग राशि के तौर पर 01 लाख रुपये की धनराशि भी दी जा रही है। इसी साल सितंबर माह में कुमाऊं मंडल के युवक-युवतियों हेतु छोटा कैलाश पर्वत पर पर्वतारोहण अभियान आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहण क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं में अत्यधिक निपुणता लाना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के अवसर प्रदान कराना है। सचिव पर्यटन ने कहा कि आज के समय में बहुत जरूरी है कि हम स्वस्थ व फिट रहें। इसके लिए आवश्यक है कि साहसिक खेलों की गतिविधियों में हम प्रतिभाग करें। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड को साहसिक पर्यटन और अच्छे पर्यावरण के लिए जाना जाए, हम इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं।