प्रदेश में शिक्षक-कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता के लिए तबादला एक्ट बना है। एक्ट के तहत हर साल सामान्य तबादलों के लिए समय-सारणी बनी है। तय समय-सारणी के अनुसार हर साल मार्च से तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस बीच मानक के अनुसार कार्यस्थल को चिन्हित किया जाना चाहिए।
इसके अलावा तबादलों के लिए पात्र शिक्षक-कर्मचारियों की सूची जारी किए जाने के साथ ही विभाग में खाली पदों को विभाग की वेबसाइट में प्रदर्शित किया जाता है। अनिवार्य तबादलों के लिए पात्र कर्मचारियों से तबादले के लिए अधिकतम 10 ऐच्छिक स्थानों के लिए 20 अप्रैल तक विकल्प मांग लिए जाने चाहिए, लेकिन विभिन्न विभागों की ओर से एक्ट के तहत दी गई प्रक्रिया को ठीक से नहीं अपनाया जा रहा है। यही वजह है कि शिक्षक-कर्मचारियों के तबादले कानूनी दांव पेंच में उलझ रहे हैं।
तबादले शिक्षकों का अधिकार है, हर हाल में तबादले होने चाहिए। तबादले और पदोन्नति के लिए 16 जून को प्रदेशभर के शिक्षक देहरादून पहुंचेंगे और शिक्षा निदेशालय में धरना देंगे। – राम सिंह चौहान, प्रांतीय अध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ