शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) कार्यालय को धर्मशाला स्थानांतरित करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह अंतरिम आदेश मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया।
स्थानांतरण पर सवाल उठाए याचिकाकर्ता ने
जनहित याचिका में प्रार्थी ने तर्क दिया कि सरकार केवल नीति निर्धारण की भूमिका निभा सकती है, लेकिन कार्यालय को स्थानांतरित करने जैसा निर्णय बिना तर्कसंगत आधार के नहीं लिया जा सकता। प्रार्थी का कहना है कि सरकार के पास धर्मशाला स्थानांतरण के पक्ष में कोई ठोस कारण नहीं है।
कार्मिकों और प्रशासनिक कार्यों पर पड़ेगा असर
याचिका में यह भी बताया गया कि रेरा कार्यालय में कार्यरत अधिकांश कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त किए गए हैं। कार्यालय के स्थानांतरण की स्थिति में उन्हें या तो विस्थापित होना पड़ेगा या नई भर्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में नए कर्मचारियों को रेरा के तकनीकी और प्रशासनिक कार्यों की पर्याप्त जानकारी नहीं होने से प्राधिकरण की प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है।
कोर्ट ने दी अंतरिम राहत
सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल रेरा कार्यालय के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है और सरकार से इस निर्णय के पीछे के तथ्यों व कारणों को स्पष्ट करने को कहा है।