‘मैकाले ने भारत को गुलामी की जिस मानसिकता से भर दिया…’, PM मोदी ने सेट कर दिया 10 साल का एजेंडा

PARVAT SANKALP NEWS

पीएम मोदी का मैकाले पर बयान

पीएम मोदी ने कहा कि मैकाले ने भारत की शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने का निर्णय लिया और इस कार्य में सफल भी रहा। उन्होंने कहा कि इस सोच का दुष्परिणाम भारत को आने वाली सदियों में भुगतना पड़ा।

 रामनाथ गोयनका लेक्चर में विचार

दिल्ली में रामनाथ गोयनका लेक्चर के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर थोमस बैबिंगटन मैकाले की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 2035 में मैकाले की शिक्षा प्रणाली को लागू हुए 200 वर्ष पूरे होंगे। पीएम ने लोगों से अपील की कि हमें संकल्प लेकर चलना है कि हम मैकाले द्वारा हमारे भीतर भरे गए गुलामी के मानसिकता से मुक्ति पाएंगे।

 शिक्षा प्रणाली का अवलोकन

पीएम मोदी ने कहा, “भारत की शिक्षा प्रणाली हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाती थी। मैकाले ने यह सुनिश्चित किया कि ब्रिटिश भाषा और विचारधारा को अधिक मान्यता मिले, जिसका खामियाजा भारत को आने वाले वर्षों में उठाना पड़ा।”

 आत्मविश्वास को तोड़ने का आरोप

उन्होंने कहा, “मैकाले ने हमारे आत्मविश्वास को तोड़ दिया और हमें हीन भावना का अनुभव कराया। उसने हमारी जीवन शैली को एक झटके में नकार दिया। इसी से यह धारणा बनी कि भारतीयों को केवल विदेशी तरीकों से ही कुछ हासिल करना है, और यह भावना आजादी के बाद और प्रबल हुई।”

 महात्मा गांधी की स्वदेशी दृष्टि

प्रधानमंत्री ने कहा, “महात्मा गांधी द्वारा आजादी का आधार बनाए गए स्वदेशी विचार को अब कोई नहीं पूछता। हम गवर्नेंस के लिए विदेशों में समाधान खोजने लगे हैं, जिससे इंपोर्टेड आइडिया और सामान को श्रेष्ठ मानने की प्रवृत्ति समाज में विकसित हो गई।”

 ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण

पीएम मोदी ने कहा, “जहां टूरिज्म फलता-फूलता है, वहां के लोग अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं। भारत में इसके उलट, आजादी के बाद अपनी विरासत को दुत्कारने के प्रयास हुए। जब हम अपनी विरासत पर गर्व नहीं करेंगे, तो उसका संरक्षण भी नहीं होगा।”

 अंग्रेजी भाषा के प्रति दृष्टिकोण

उन्होंने कहा, “जापान, चीन और कोरिया जैसे देशों ने विदेशी तरीकों को अपनाया लेकिन अपनी भाषा को बनाए रखा। इसलिए हमने नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर जोर दिया है। हमारा विरोध अंग्रेजी भाषा से नहीं, बल्कि भारतीय भाषाओं के समर्थन में है।”

पीएम बोले, “मैकाले द्वारा 1835 में किए गए अपराध का 2035 में 200 वर्ष पूरा होगा, इसलिए मैं देशवासियों से अपील करता हूं कि अगले 10 वर्षों में हमें संकल्प लेकर चलना है कि हम मैकाले द्वारा भरी गई गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाएंगे।”

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