मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में सेवा का अधिकार के अंतर्गत सेवाओं की समीक्षा की।

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मुख्य सचिव ने कहा कि नागरिक केंद्रित सेवाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लाना आवश्यक है। उन्होंने आईटीडीए को निर्देशित किया कि आरटीएस और नॉन आरटीएस 1053 अधिसूचित सेवाओं को जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सभी विभागों को निर्धारित समय सीमा के भीतर सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए। यदि तय समयावधि में सेवाएं प्रदान नहीं की जाती हैं, तो सिस्टम अपने आप उच्च स्तरीय अधिकारियों तक पहुंच जाएगा।

उन्होंने सेवा का अधिकार के तहत विभागों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की जानकारी कार्यालयों के आगे पटल पर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, प्रथम और द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी की जानकारी भी प्रदर्शित की जानी चाहिए।

मुख्य सचिव ने आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग को सेवा का अधिकार के लिए ड्राफ्ट नियम तैयार करने का सुझाव दिया, ताकि इसे और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

इस अवसर पर सचिव श्री नितेश कुमार झा, आयुक्त सेवा का अधिकार आयोग श्री भूपाल सिंह मनराल, और निदेशक आईटीडीए श्री आलोक पाण्डेय भी उपस्थित थे।

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