मसूरी में मानसून का कहर: मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त किया, भूस्खलन से यातायात ठप

उत्तराखंड में मानसून का असर इस बार पहले से ज्यादा देखने को मिल रहा है। बीती रात मसूरी में हुई मूसलाधार बारिश ने पहाड़ों की रानी को झकझोर दिया। लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

भूस्खलन ने खड़ी मुश्किलें खड़ी कर दीं
मसूरी के बार्लोगंज, बाटाघाट और सुमित्रा भवन क्षेत्रों में भारी भूस्खलन के कारण सड़कें पूरी तरह से बाधित हो गई हैं। बार्लोगंज में पहाड़ी दरकने से एक पूरी सड़क बह गई, जिससे आने-जाने का रास्ता बंद हो गया। इसके अलावा मसूरी-देहरादून मार्ग पर कई स्थानों पर पेड़ गिरने से यातायात ठप हो गया। सिया गांव में मसूरी-कैम्पटी रोड पर एक स्कूटी अचानक फिसलकर गहरी खाई में जा गिरी। सौभाग्य से किसी की जानमाल को बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह हादसा बारिश की गंभीरता को दर्शाता है।

हादसे में घायल दो युवक, प्रशासन की सक्रियता
बार्लोगंज में एक और स्कूटी अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तुरंत मसूरी उप-जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। फिलहाल दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। प्रशासन ने प्रभावित मार्गों को खोलने का काम शुरू कर दिया है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि भूस्खलन और सड़क बाधाओं के कारण आने वाले कुछ दिनों में यातायात प्रभावित रह सकता है।

स्थानीय लोगों की चिंताएँ
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बारिश के कारण मकानों के आस-पास की मिट्टी धंस रही है, और लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग राहत कार्य और बचाव गतिविधियों में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। मौसम विभाग ने भी भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मसूरी में मानसून की इस पहली तेज बारिश ने यह साबित कर दिया कि पहाड़ी इलाकों में मौसम का तेज बदलाव कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है। नागरिकों को प्रशासन की चेतावनियों का पालन करते हुए सुरक्षित रहने की आवश्यकता है।

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