पौड़ी युवक आत्महत्या प्रकरण: पुलिस ने भ्रामक सूचनाओं पर दी सफाई, निष्पक्ष जांच का भरोसा

पौड़ी में 21 अगस्त 2025 को युवक जितेन्द्र कुमार की आत्महत्या की घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएँ और भ्रामक सूचनाएँ फैल रही हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग FIR दर्ज कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की है।

पुलिस का पक्ष: दो FIR अलग-अलग कारणों से दर्ज

पौड़ी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आरोप पूरी तरह भ्रामक और तथ्यों से परे हैं। पुलिस के अनुसार,

  • पहली FIR संख्या 44/2025 धारा 108 BNS के तहत दर्ज की गई है, जो आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है।

  • दूसरी FIR संख्या 45/2025 धारा 3/25/30 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हुई है, क्योंकि घटना में आर्म्स/हथियार का इस्तेमाल हुआ था।

क्यों दर्ज हुआ आर्म्स एक्ट का मामला?

पुलिस ने बताया कि जब भी किसी जघन्य अपराध में हथियार/आर्म्स का प्रयोग होता है तो कानूनी रूप से आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज करना अनिवार्य होता है।
इसका उद्देश्य केवल यह पता लगाना है कि हथियार कहां से आया, उसका स्रोत क्या है और उसका उपयोग कैसे हुआ। पुलिस का कहना है कि यह सामान्य कानूनी प्रक्रिया है और इसका आत्महत्या से जुड़ी पहली FIR पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा।

“आरोपियों को बचाने का उद्देश्य नहीं” – पुलिस

पुलिस ने साफ कहा है कि दो FIR दर्ज करने का यह मतलब कतई नहीं है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
दोनों मुकदमे स्वतंत्र हैं और तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर निष्पक्ष जांच चल रही है।

सोशल मीडिया पर अफवाहों से सावधान रहने की अपील

जितेन्द्र कुमार की मौत से स्थानीय लोग दुखी और आक्रोशित हैं, वहीं सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक सूचनाएँ फैल रही हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।

परिवार की पीड़ा और समाज की चिंता

जितेन्द्र कुमार की आत्महत्या ने पूरे क्षेत्र को गहरे दुख और सवालों में डाल दिया है। परिवार सदमे में है और न्याय की उम्मीद कर रहा है। समाज भी यह चाहता है कि दोषियों को सख्त सजा मिले और ऐसी घटनाएँ भविष्य में दोबारा न हों।

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