ऑपरेशन कालनेमिः पहचान छिपाकर ठगी करने वालों पर धामी सरकार का सबसे बड़ा प्रहार

देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता और मूल स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रहा ऑपरेशन कालनेमि अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में सामने आया है। इस अभियान का मकसद उन असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसना है, जो पहचान छिपाकर सनातन धर्म की आड़ में ठगी और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहे थे। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन ने राज्यभर में अब तक 4000 से अधिक लोगों का सत्यापन किया है। इस दौरान 300 से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। खास बात यह है कि देहरादून में अभियान के दौरान एक बांग्लादेशी नागरिक भी पकड़ा गया, जो फर्जी पहचान के सहारे यहां रह रहा था।

किन जिलों में हुआ सबसे बड़ा असर?

  • हरिद्वार: 2301 लोगों का सत्यापन, 162 गिरफ्तारियां
  • देहरादून: 865 सत्यापन, 113 गिरफ्तारियां
  • उधम सिंह नगर: 167 सत्यापन, 17 गिरफ्तारियां
  • अन्य जिले: लगातार अभियान जारी

इन आंकड़ों से साफ है कि बाहरी तत्वों की सक्रियता जिन जिलों में अधिक थी, वहां पुलिस ने खास फोकस किया।

सीएम धामी का संदेश

सीएम धामी ने साफ कहा है –
“देवभूमि की पवित्रता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पहचान छिपाकर ठगी या भावनाओं से खेलने वालों की जगह सिर्फ जेल है।”

उनका यह बयान प्रदेशवासियों के मन में सुरक्षा और विश्वास की भावना को और मजबूत कर रहा है।

क्यों ज़रूरी था यह अभियान?

पिछले कुछ समय से प्रदेश में बाहरी तत्वों के सक्रिय होने और पहचान छिपाकर अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायतें मिल रही थीं। इससे न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही थी, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी प्रभावित हो रहा था। ऑपरेशन कालनेमि ने यह साफ कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार राज्य के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।

निष्कर्ष

धामी सरकार का यह कदम सिर्फ एक कानून-व्यवस्था का मसला नहीं है, बल्कि यह देवभूमि की आध्यात्मिक गरिमा और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा का भी अभियान है। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए कड़ा संदेश है जो गलत इरादों के साथ उत्तराखंड की धरती पर कदम रखते हैं। राज्य के लोग भी इस अभियान से जुड़कर खुद को ज्यादा सुरक्षित और निश्चिंत महसूस कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *